Edited By Updated: 13 Sep, 2016 04:10 PM
अमरनाथ यात्रा की तर्ज पर मणिमहेश यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु अपना मैडिकल फिटनैस प्रमाण पत्र लेकर आए ताकि मणिमहेश...
चंबा: अमरनाथ यात्रा की तर्ज पर मणिमहेश यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु अपना मैडिकल फिटनैस प्रमाण पत्र लेकर आए ताकि मणिमहेश यात्रा के दौरान किसी व्यक्ति की बीमारी या हृदयघात के कारण मौत न हो। इसके साथ चौरासी मंदिर में जूते-चप्पलों की दुकानें लगने से लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है क्योंकि चौरासी मंदिर परिसर लोगों की धार्मिक आस्था का केंद्र है। यह बात श्री सनातन धर्म मंठ मंदिर सुरक्षा समिति के अध्यक्ष स्वामी विरेंद्रानंद गिरी ने जिला मुख्यालय में विशेष भेंटवार्ता के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि मणिमहेश एक धार्मिक यात्रा है, इसे व्यापारिक मेले का रूप देने का प्रयास सहन नहीं होगा। उन्होंने कहा कि चौरासी मंदिर परिसर में व्यापारिक परिसर लगाने की प्रक्रिया को मणिमहेश ट्रस्ट अपने हाथ में ले ताकि इससे अर्जित होने वाली आय का उपमंडल प्रशासन मणिमहेश यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को सुविधा मुहैया करवाने के लिए खर्च कर सके। उन्होंने कहा कि मणिमहेश यात्रा के सफल आयोजन को लेकर प्रशासन ने बड़े-बड़े दावे किए थे लेकिन हैरानी की बात यह रही है कि हड़सर से डल झील पर लगी दुकानों में किसी भी प्रकार की कोई रेट लिस्ट नजर नहीं आई। इसके चलते प्रत्येक दुकानदार ग्राहक को देखकर सामान का मूल्य निर्धारित कर रहा था।
उन्होंने कहा कि प्रशासन ने यह दावा किया था कि प्रत्येक लंगर समिति को शौचालय निर्माण के आदेश दिए जाएंगे लेकिन ऐसे कोई आदेश प्रभावी होते नजर नहीं आए। उन्होंने कहा कि मणिमहेश में जिस प्रकार से डल व गौरीकुंड स्थल पर श्रद्धालुओं की भीड़ जमा होती है उस स्थिति में अगर कोई अप्रिय घटना घटती है तो सरकार व प्रशासन के लोगों की सुरक्षा व राहत पहुंचाने के लिए हाथ-पांव फूल जाएंगे। ऐसे में बेहतर है कि एक पड़ाव से दूसरे पड़ाव तक मणिमहेश यात्रियों को बारी-बारी से भेजा जाए। उन्होंने कहा कि चौगान में भी पिछले कुछ वर्षों से लंगर लगाने की परंपरा शुरू हुई है। ऐसे में जिला प्रशासन यहां लंगर लगाने वाली संस्थाओं से धरोहर राशि ले तथा सफाई व्यवस्था सुचारू होने पर ही इस धरोहर राशि को वापस करे ताकि चौगान की सफाई व्यवस्था बनी रहे।