Edited By Updated: 15 Sep, 2015 12:30 PM
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में फोरलेन एक्सप्रेस हाईवे के लिए टीहरा में बन रही टनल-4 के धंसने से उसमें फंसे 3 मजदूरों को 48 घंटे बाद भी नहीं निकाला जा सका है।
बिलासपुर: हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में फोरलेन एक्सप्रेस हाईवे के लिए टीहरा में बन रही टनल-4 के धंसने से उसमें फंसे 3 मजदूरों को 48 घंटे बाद भी नहीं निकाला जा सका है। दरअसल रेस्क्यू टीम की हर कोशिश असफल साबित हो रही हैं। टनल के अंदर न तो हवा है और न बिजली-पानी, ऐसे में मजदूरों के जिंदा होने की उम्मीद कम होती जा रही है।
सोमवार को टनल के अंदर फंसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए तीन तरह से कोशिश की गई। पहली कोशिश यह थी कि टनल से मलबा हटाया जाए। लेकिन ये नाकाम कोशिश शनिवार देर रात से चल रही है। दूसरी कोशिश मजदूरों को बाहर निकालने के लिए लोहे की फाल से टनल यानी एक तरह की इमरजेंसी टनल बनाई जा रही है। इसमें 1.3 मीटर घेरे वाले लोहे के बड़ा पाइप को मलबे में डाला जा रहा है। तीसरे और सबसे अहम कोशिश मजदूरों तक पानी, खाना और बिजली पहुंचाने की व्यवस्था शुरू हुई है।
पिछले 40 घंटे से टनल से लगातार मलबा निकाला गया है। भूतल एवं परिवहन मंत्रालय भारत सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना में आई इस आफत के बाद रेस्क्यू आपरेशन को लीड कर रहे सीमा सड़क संगठन के निदेशक आरएस राव ने बताया कि हम ये मान कर चल रहे हैं कि अंदर मजदूर जिंदा हैं। ऑपरेशन जारी है। जल्द ही सफलता मिलने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि मजदूर 160 मीटर के एक हिस्से में फंसे हैं। 40 मीटर के इस हिस्से में मलबा भरा है।