Edited By Ramanjot, Updated: 09 Aug, 2022 04:10 PM
बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू के सांसदों और विधायकों को बताया कि कैसे भाजपा उनके दल को तोड़ने की कोशिश कर रही है और ऐसे में अब भाजपा के साथ नाता नहीं रखना चाहते हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि कोई उनके दल को तोड़े यह कहीं से भी उचित नहीं है।...
पटनाः बिहार में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड ने (जदयू) आज राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से नाता तोड़ लिया। जदयू के सांसदों और विधानमंडल दल की मंगलवार को हुई बैठक में इस पर मुहर लगी है।
बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जदयू के सांसदों और विधायकों को बताया कि कैसे भाजपा उनके दल को तोड़ने की कोशिश कर रही है और ऐसे में अब भाजपा के साथ नाता नहीं रखना चाहते हैं। नीतीश कुमार ने कहा कि कोई उनके दल को तोड़े यह कहीं से भी उचित नहीं है। बैठक में मौजूद सभी नेताओं ने नीतीश कुमार को निर्णय लेने के लिए अधिकृत भी किया, जिसके बाद उन्होंने भाजपा से नाता तोड़ने की घोषणा की।
इससे पूर्व जदयू के नालंदा से सांसद कौशलेन्द्र ने भी दावा किया कि पार्टी के विधायकों को भाजपा की ओर से तोड़ने के लिए प्रलोभन दिया गया था। विधायकों को भाजपा की ओर से छह-छह करोड़ रुपए का ऑफर देने की बात कही गई। यहां तक कि रविवार को जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने भी कहा था कि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमर को कमजोर करने के लिए चिराग मॉडल अपनाया गया था। बाद में आरसीपी सिंह के रूप में फिर से चिराग मॉडल-2 लाया जा रहा था लेकिन समय रहते जदयू ने इसे पहचान लिया। उन्होंने कहा था कि हम सब जानते हैं कि चिराग मॉडल किसका था। कहा गया कि उनका इशारा भाजपा की ओर था।