Edited By Updated: 18 Aug, 2016 12:30 PM
एच.आर.टी.सी. के अफसरों को मिली सरकारी गाड़ियों का दुरुपयोग रोकने के लिए निगम प्रबंधन ने नई पहल शुरू की है...
शिमला: एच.आर.टी.सी. के अफसरों को मिली सरकारी गाड़ियों का दुरुपयोग रोकने के लिए निगम प्रबंधन ने नई पहल शुरू की है। अब प्रदेश भर में अफसरों सहित फ्लाइंग स्क्वायड को मिली सभी गाडिय़ों में व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम (वी.टी.एस.) लगाया जाएगा। इससे गाड़ियों के निजी इस्तेमाल के प्रयोग पर निगम प्रबंधन की पूरी नजर रहेगी। निगम के कार्यकारी निदेशक सहित डिवीजनल मैनेजर को मिली गाड़ियों में इस सिस्टम को लगाया जा चुका है।
अब प्रदेश भर में डिपो और डिवीजन लेवल पर अगले 10 दिनों में डिवीजनल मैनेजर व क्षेत्रीय प्रबंधकों को मिली गाड़ियों में भी वी.टी.एस. सिस्टम लगाया जाएगा। एच.आर.टी.सी. में एक कार्यकारी निदेशक सहित करीब 10 डिवीजनल मैनेजर व 27 क्षेत्रीय प्रबंधक व प्रदेश और प्रदेश के बाहर 10 फ्लाइंग स्क्वायड अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
प्रबंधन द्वारा लिए गए इस निर्णय से न केवल निगम में पारदर्शिता आएगी बल्कि सरकारी खर्चे पर निजी कार्य के लिए गाड़ियों का इस्तेमाल भी नहीं हो सकेगा। इसके साथ ही निगम की कार्यकुशलता में भी सुधार आएगा। निगम प्रबंधन की यह नई पहल प्रदेश के अन्य सरकारी विभागों के लिए भी एक मिसाल कायम करेगी और साथ ही निगम की पहल सिस्टम में पारदर्शिता अपनाने के लिए प्रेरित करेगी।
निगम प्रबंधन कर चुका है कई बचत योजनाओं की पहल
परिवहन निगम प्रबंधन इससे पहले भी कई बचत योजनाओं की पहल कर चुका है। निगम बिजली के बिल की बचत के लिए मुख्य कार्यालय में सोलर पावर प्लांट लगा चुका है। प्रदेश में पर्यावरण संरक्षण के लिए निगम प्रबंधन इलैक्ट्रिक बस सेवा भी शुरू करने जा रहा है। प्रदेश में इलैक्ट्रॉनिक बसें चलाने के लिए पहले ही एक योजना तैयार करके केंद्र को भेजी गई है। इस योजना के सिरे चढ़ते ही पहाड़ी राज्य हिमाचल जल्द इलैक्ट्रिक बसें चलाने वाला पहला राज्य बनने जा रहा है। मैदानी इलाकों में बेंगलुरु इलैक्ट्रिक बसें चलाने वाला शहर है। निगम प्रबंधन ने प्रदेश में सीएनजी बसें चलाए जाने की भी योजना बनाई गई है।