इस न्यायाधीश ने हिमाचल में 9 साल में निपटाए 53900 केस, अब यहां बनेंगे जज

Edited By Updated: 25 Sep, 2016 03:03 PM

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उत्तर भारत के तेजतर्रार जजों में गिने जाने वाले न्यायाधीश राजीव शर्मा ने हिमाचल हाईकोर्ट में अपने 9 सालों की अवधि में 53 हजार 900 मामले निपटाए हैं।

शिमला: उत्तर भारत के तेजतर्रार जजों में गिने जाने वाले न्यायाधीश राजीव शर्मा ने हिमाचल हाईकोर्ट में अपने 9 सालों की अवधि में 53 हजार 900 मामले निपटाए हैं। इतना ही नहीं जनहित और कर्मचारियों की सेवाओं से जुड़े कई मामलों में उन्होंने ऐतिहासिक फैसले दिए हैं। 


जानकारी के मुताबिक न्यायाधीश राजीव शर्मा ने प्रदेश में बलि प्रथा पर रोक भी लगाई है। उन्होंने पंचायत स्तर पर गौशालाएं बनाने के आदेश भी दिए। वन भूमि से अवैध कब्जों को हटाने के लिए सख्त आदेश दिए। वहीं प्रदेश में प्लास्टिक बैन करने और मनाली में स्की विलेज पर रोक लगाने के आदेश भी उन्होंने ही दिए। न्यायाधीश राजीव शर्मा ने जनजातीय महिलाओं को उनकी पैतृक संपत्ति में हक दिलाने में महत्वपूर्ण आदेश पारित किए।


नशाखोरी पर रोक लगाने के उद्देश्य से प्रदेश में ड्रग माफियाओं की संपत्तियों को जब्त करने व उनके खिलाफ कार्रवाई ई.डी. को सौंपने के आदेश भी इनकी खंडपीठ से जारी हुए। रेप पीड़िता को प्रतिमाह 10 हजार रुपए दिलाए गए। पुलिस कर्मियों की ड्यूटी को अधिकतम 8 घंटे प्रतिदिन करने और हर सप्ताह एक छुट्टी निर्धारित करने के आदेश पारित किए। बताया जा रहा है कि न्यायाधीश राजीव शर्मा ने साल 1982 में हिमाचल हाईकोर्ट में प्रेक्टिस शुरू की। 20 साल बाद वह सीनियर एडवोकेट बन गए। साल 2007 में हिमाचल हाईकोर्ट के जज बने।


जानकारी के मुताबिक राजीव शर्मा 26 सितंबर को नैनीताल में पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे। उसके बाद न्यायाधीश राजीव शर्मा शिमला से रवाना होंगे। हिमाचल हाईकोर्ट से नैनीताल हाईकोर्ट को स्थानांतरित हुए न्यायाधीश राजीव शर्मा शुक्रवार को शिमला हाईकोर्ट में विदाई पार्टी के दौरान भावुक हो उठे। उन्होंने हिमाचल हाईकोर्ट में वकालत से लेकर जज के सफर को याद किया। इस दौरान कोर्ट कर्मचारियों से पहाड़ी बोली में बात करते हुए कहा अच्छा बै फिर मिलेंगे। इस अवसर पर न्यायाधीश राजीव शर्मा ने कहा उन्होंने हिमाचल प्रदेश के लोगों से बहुत कुछ सीखा और बहुत कुछ पाया। 


उन्होंने अपना वकालत का कैरियर तब शुरू किया जब हाईकोर्ट में करीब 30 वकील ही वकालत किया करते थे। अपने अंतिम फैसले में भी उन्होंने वर्ष 1972 से पहले प्रदेश में रह रहे गैर कृषकों को प्रदेश में जमीन खरीदने का हकदार बनाए जाने के आदेश पारित किए। मुख्य न्यायाधीश मंसूर अहमद मीर ने कहा कि न्यायाधीश राजीव शर्मा न केवल उत्तम जज हैं बल्कि एक नेक इंसान भी हैं। 

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