Edited By Updated: 28 May, 2016 01:42 AM
प्रदेश हाईकोर्ट ने बेलदार को उसकी बर्खास्तगी की तारिख से सीनियोरिटी देने के आदेश पारित किए।
शिमला: प्रदेश हाईकोर्ट ने बेलदार को उसकी बर्खास्तगी की तारिख से सीनियोरिटी देने के आदेश पारित किए। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान ने श्रम न्यायालय के फैसले को गलत ठहराया जिसके तहत विद्युत बोर्ड में कार्यरत प्रार्थी टेक सिंह को उसकी बर्खास्तगी के बाद श्रम अधिकारी को दिए डिमांड नोटिस की तारीख से सीनियोरिटी देने के आदेश दिए थे।
प्रदेश हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि प्रार्थी को गलत तरीके से 31 मई, 1998 को बरखास्त कर दिया था और उसने समय पर प्रशासनिक प्राधिकरण के समक्ष अपनी टर्मिनेशन के खिलाफ मामला दायर किया था। प्रशासनिक प्राधिकरण ने मामला श्रम न्यायालय के क्षेत्राधिकार में होने की वजह से 9 जनवरी, 2006 को खारिज कर दिया था। प्रार्थी ने डिमांड नोटिस के पश्चात श्रम न्यायालय के समक्ष विवाद उठाया था।
श्रम न्यायालय ने गलत कोर्ट में मामला दर्ज करने की वजह के चलते प्रार्थी को डिमांड नोटिस जारी करने की तारीख से सिक्योरिटी देने के आदेश पारित किए थे। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि गलत कोर्ट में मामला दाखिल करने की एवज में प्रार्थी को टर्मिनेशन की तारीख से सीनियोरिटी देने से मना नहीं किया जा सकता। विशेषतया जब प्रार्थी ने यह मानकर मामला दायर किया था कि जिस अदालत में उसका अधिवक्ता केस दायर कर रहा है उसके पास मामला सुनने का क्षेत्राधिकार है।