Edited By Punjab Kesari, Updated: 07 Nov, 2017 05:00 PM
पंजाबी भाषा को बनता सम्मान दिलवाने के लिए शुरू किए गए अभियान के तहत सरकारी साइन बोर्डों पर कालिख पोतने के आरोपों में जेल में बंद पंजाबी भाषा प्रेमियों की रिहाई को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए। सैंकड़ों लोगों जिनमें साहित्य, सामाजिक, धार्मिक व अन्य...
बठिंडा (परमिंद्र): पंजाबी भाषा को बनता सम्मान दिलवाने के लिए शुरू किए गए अभियान के तहत सरकारी साइन बोर्डों पर कालिख पोतने के आरोपों में जेल में बंद पंजाबी भाषा प्रेमियों की रिहाई को लेकर लोग सड़कों पर उतर आए। सैंकड़ों लोगों जिनमें साहित्य, सामाजिक, धार्मिक व अन्य संगठनों के सदस्य शामिल थे, ने मिनी सचिवालय समक्ष धरना लगाया व शहर में रोष मार्च निकाला। लोगों ने मांग की कि उक्त मामले में गिरफ्तार किए गए लक्खा सिधाना व बाबा हरदीप सिंह महिराज को बिना शर्त रिहा किया जाए।
गौरतलब है कि गत दिनों सड़कों पर लगे साइन बोर्डों पर पंजाबी भाषा को सबसे नीचे लिखे होने के रोष में उक्त पंजाबी भाषा प्रेमियों ने अन्य भाषाओं पर कालिख पोत दी थी। इस पर थाना थर्मल पुलिस ने लक्खा सिधाना व बाबा हरदीप सिंह के खिलाफ सरकारी सम्पत्ति को नुक्सान पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। सोमवार को सैंकड़ों पंजाबी भाषा प्रेमियों ने हाथों में नारे लिखी तख्तियां लेकर शहर में रोष मार्च किया व उक्त नेताओं को तुरंत रिहा करने की मांग की। इस अवसर पर प्रवक्ताओं ने कहा कि पंजाब में ही पंजाबी भाषा का सम्मान नहीं हो रहा जिससे लोगों में भारी रोष है।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार की ओर से भी पंजाबी भाषा का सम्मान बरकरार रखने के लिए कोई कदम नहीं उठाए जा रहे, उलटा पंजाबी के हक में आवाज बुलंद करने वालों के खिलाफ पुलिस केस दर्ज किए जा रहे हैं। पंजाब सरकार व पुलिस प्रशासन के इस रवैए को सहन नहीं किया जाएगा।