Edited By Punjab Kesari, Updated: 14 Aug, 2017 06:24 PM
पठानकोट-मंडी नैशनल हाईवे-154 पर उरला-जोगिंद्रनगर के पास कोटरोपी में आई प्राकृतिक आपदा के बाद मलबे में दफन लोगों की तलाश के लिए सोमवार को दूसरे दिन भी सर्च आपरेशन जारी है...
मंडी (नितेश/पुरुषोत्तम): पठानकोट-मंडी नैशनल हाईवे-154 पर उरला-जोगिंद्रनगर के पास कोटरोपी में आई प्राकृतिक आपदा के बाद मलबे में दफन लोगों की तलाश के लिए सोमवार को दूसरे दिन भी सर्च आपरेशन जारी है। यह सर्च आपरेशन सुबह 9 बजे के करीब शुरू किया गया। सेना, एडीआरएफ, प्रशासन व स्वयं सेवी संस्थाएं मिट्टी से बाकि बचे हुए शवों की तलाश में जुट गई हैं। उधर, रविवार को मलबे में दबे 46 शव बरामद हुए थे। इनमें से 32 की पहचान हो गई है। एनडीआरएफ के जवानों द्वारा रविवार की ही तरह आज भी कड़ी मशक्कत करके बचाव कार्य को अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। मंडी के डीसी संदीप वसंत कदम व अन्य जिला अधिकारी आज भी मौके पर निगरानी कर रहे हैं। 17 अज्ञात शवों को जोगिंद्रनगर के सिविल अस्पताल भिजवाए जाने की जानकारी दी गई है, जबकि जिन शवों की पहचान हुई हैं, वे अधिकांश उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं। घटनास्थल पर ही डॉक्टरों की टीम मौजदू है। वहीं ही शवों के पोस्टमॉर्टम किए जा रहे हैं और शव परिजनों को सौंपे जा रहे हैं।
2 दोस्तों ने बचाई युवती की जान
नारला निवासी नितिक कुमार जो काजा में बतौर कांस्टेबल तैनात है, आजकल छुट्टियां लेकर घर आया है जबकि दूसरा देवेंद्र जो वन रक्षक है, दोनों के साहस और सूझबूझ ने गाड़ी में फंसी एक युवती की जान बचा ली। वे दोनों शनिवार रात को ग्वाली में आयोजित एक जगराते में गए हुए थे। इसी बीच पंजाब से आए 2 बाइक सवारों ने बताया कि पीछे पहाड़ी से पत्थर गिर रहे हैं और सवारियों से भरी एक बस मलबे की चपेट में आ गई है। यह सुनते ही नितिन व देवेंद्र गांव के अन्य लोगों को साथ लेकर 10 मिनट के अंदर घटना स्थल पर पहुंचे और वहां पर बस के बाहर छिटके लहूलुहान घायलों को उठाकर निजी वाहनों से अस्पताल भेजने की व्यवस्था की। इस बीच बस के अंदर एक युवती मदद के लिए चीख रही थी। उसकी टांगें अगली सीट के नीचे फंसी हुई थीं। इसी बीच मंडी मुख्यालय से प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और लोहे के कटर आदि से घायल युवती को बाहर निकाल कर अस्पताल भेज दिया।
ऐसे हुआ था हादसा
बताया जा रहा है कि कोटरोपी में दो बसें रात को चाय पानी के लिए रुकी थीं। इसके अलावा कई और वाहन भी यहां पर खड़े थे। जैसे ही पठानकोट-मंडी नैशनल हाईवे-154 पर उरला-जोगिंद्रनगर के पास कोटरोपी में पहाड़ी दरकी दोनों बसों के अलावा वहां पर खड़े कई और वाहन भूस्खलन की चपेट में आ गए। इस हादसे में 4 घर क्षतिग्रस्त हो गए। यहां चंद सेकेंड में तबाही का जो भयानक मंजर देखने को मिला, उसे बयां करना कठिन है। घटना शनिवार रात 1:00 बजे के आसपास हुई थी। एचआरटीसी की बसों में एक कटड़ा-मनाली रुट पर जा रही बस थी, जिसमें करीब सात यात्री सवार थे। बस के चालक ने ऊपर से मलबा आता देखा और सवारियों को भागने को कहा। वहीं चम्बा से मनाली जा रही बस में हताहतों की संख्या अधिक हो सकती है। ये बस मलबे के साथ एनएच से 1 किलोमीटर नीचे बह गई है। इस बस में 50 से ज्यादा सवारियां होने की आशंका है। बताया जा रहा है कि जो बस मनाली से कटड़ा जा रही थी, उसमें करीब 8 लोग सवार थे। इनमें से दो छा़त्राओं के शव बस के ऊपर गिरे।
मंडी-कुल्लू मार्ग वाहनों के लिए पूरी तरह से बंद किया
मंडी प्रशासन की ओर से मंडी से कुल्लू तक के लिए इस एनएच-21 को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। इस मार्ग का सारा ट्रैफिक वाया कमाद- कोटला- कुल्लू कर दिया है। इसके अलावा इस मार्ग का सारा ट्रैफिक तीन रूटो जोगिंद्रनगर- घटासनी-झटींगरी- मंडी, जोगिंद्रनगर- धर्मपुर- कोटली- मंडी तथा जोगिंद्रनगर, नौली -पद्दर- मंडी कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने हादसे में मरने वालों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए देने का किया ऐलान।
इनकी हुई पहचान
यहां से हासिल करें जानकारी
उधर, प्रशासन की ओर से हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं। ये नंबर हैं 01905-226201, 202,203। कोई भी व्यक्ति इन नबंरों पर फोन कर कोई भी जानकारी हासिल कर सकता है।