Edited By Updated: 27 Oct, 2016 05:30 PM
शिमला के कमला नेहरू अस्पताल में बहुचर्चित बच्चा बदलने के मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अस्पातल प्रशासन...
शिमला (विकास शर्मा): शिमला के कमला नेहरू अस्पताल में बहुचर्चित बच्चा बदलने के मामले में हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने अस्पातल प्रशासन से दो सप्ताह में कंप्लायंस रिपोर्ट मांगी है। वीरवार को हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस मंसूर अहमद मीर और जस्टिस संदीप शर्मा की अदालत में सुनवाई हुई। कोर्ट में दोनों बच्चों के अभिभावक पेश हुए व बच्चों की अदलाबदली की जानकारी अदालत को दी। बच्चों के अभिभावकों ने हाईकोर्ट को बताया कि अन्न ग्रहण रस्म के बाद बच्चे एक-दूसरे को दे दिए हैं और अब अपनी-अपनी संतान पाकर वो बेहद खुश और संतुष्ट हैं।
इसके बाद कोर्ट ने इस पूरे मामले की याचिका का निपटारा कर दिया। इसके अलावा इसी मामले में चल रहे क्रिमिनल ट्रायल में कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए कंप्लायंस रिपोर्ट मांगी है ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही वाली घटना दोबारा न हो। मामले की हाईकोर्ट में पैरवी कर रहीं एडवोकेट ऋचा गोस्वामी ने बताया कि कोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा है। इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की भी बात कही है। इससे पेहले कोर्ट के कार्रवाई के दौरान और बाद में भी दोनों अभिभावक भावुक दिखे।
शीतल को बेटा सौंपने वाली मां अंजना ने रुंधे हुए गले के साथ कहा कि ऐसी लापरवाही अस्पताल में दोबारा नहीं हो जानी चाहिए, ये सुनिश्चित किया जाए। चूंकि वे बहुत परेशानी से गुजरे हैं। एक तो अस्पताल में बदतमीजी की जाती है ऊपर से ऐसी घटनाएं अंदर तक झकझोर कर रख देती हैं। अगर अस्पताल में बच्चा बदलने के दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई नहीं हुई तो सारी माताएं एकत्रित होकर धरना देने को मजबूर होंगी।