Edited By Punjab Kesari, Updated: 29 Jan, 2018 12:34 PM
हिमाचल के सोलन शहर में हिमाचल पारंपरिक परिधानों के संरक्षण में काम कर रहे संगत सिंह पुंडीर के हाथों में अद्भुत कला है। इनकी बनाई टोपियां महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिर पर सज चुकी है। पुंडीर 26 सालों से कारीगरी...
सोलन (चिनमय): हिमाचल के सोलन शहर में हिमाचल पारंपरिक परिधानों के संरक्षण में काम कर रहे संगत सिंह पुंडीर के हाथों में अद्भुत कला है। इनकी बनाई टोपियां महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सिर पर सज चुकी है। पुंडीर 26 सालों से कारीगरी कर रहे हैं। उन्होंने सरकारी सेवा के दौरान ही पार्ट टाइम में हिमाचली परिधान टोपी, शॉल, लोइया, जकैट, कोट, हॉफ जैकेट सीखी। उनकी शॉल, टोपी व अन्य हिमाचली परिधान देश-विदेश में हिमाचली संस्कृति की अमिट छाप छोड़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने जिस हिमाचली टोपी व मफलर पहनकर अमरिका व इजराइल की यात्रा की थी, इसी कारीगर के हाथ से बनी टोपी पहनकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 69वें गणतंत्र दिवस समारोह पर राजपथ से सलामी ली। दुनियाभर के लोगों ने राष्ट्रपति के सिर पर सजी हिमाचली टोपी को देखा, जिसको सोलन के मशहूर कारीगर संगत सिंह पुंडीर ने तैयार किया था। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अग्निशमन विभाग में फायरमैन के पद पर कार्य करते हुए कुल्लू में उन्होंने टोपी, मफलर व शॉल बनाने का कार्य सीखा।
उन्होंने कहा कि उन्हें यही काम करते हुए 26 साल हो चुके हैं। जिसका फलस्वरूप आज उनके हाथ की बनी टोपी-मफलर को राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री ने पसंद किया है। पुंडीर ने बताया कि राष्ट्रपति को हिमाचली टोपी से विशेष लगाव है। उन्ंहोने कहा कि हिमाचल की शान पहाड़ी टोपी देश में ही नहीं बल्कि विदेशो में भी अपनी अलग छाप छोड़ रही है।