Edited By Updated: 29 Sep, 2016 04:41 PM
हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों में स्थित पवित्र कमरूनाग झील के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यहां अरबों रुपए का खजाना दफन है, पर आज तक किसी की भी उस खजाने को हाथ लगाने की हिम्मत नहीं हुई लेकिन...
गोहर: हिमाचल प्रदेश के पहाड़ों में स्थित पवित्र कमरूनाग झील के बारे में ऐसा कहा जाता है कि यहां अरबों रुपए का खजाना दफन है, पर आज तक किसी की भी उस खजाने को हाथ लगाने की हिम्मत नहीं हुई लेकिन यहां छील में चोरी करने पहुंचे 2 संदिग्ध युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। संदिग्धों ने झौर नामक स्थान पर टैंट लगाकर डेरा जमाया हुआ था। मंदिर कमेटी यह पुष्टि नहीं कर पा रही थी कि टैंट में ठहरे संदिग्ध लुटेरे हैं अथवा पर्यटक।
जानकारी के मुताबिक पूर्व कटवाल निर्मल सिंह ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस सूचना मिलते ही थाना प्रभारी गोहर चांद किशोर और उनकी टीम ने झौर पहुंचकर दोनों संदिग्धों को पूछताछ के बाद हिरासत में ले लिया है। पुलिस को दोनों युवकों ने अपने आधार कार्ड बताए और कहा कि दोनों कमरूनाग होकर शिकारी माता मंदिर जा रहे थे। पुलिस ने दोनों के परिजनों व मंदिर कमेटी कमरूनाग को भी थाना बुलाया है। वीरवार को पुलिस बयान दर्ज करेगी।
बता दें कि हर साल सर्दियों और बरसात में कमरूनाग झील से खजाना लूटने का प्रयास किया जाता है। बरसात में धुंध छाए रहने और सर्दियों में बर्फ पड़ी रहने से लुटेरों को कमरूनाग झील से छेड़छाड़ करना आसान रहता है। हालांकि कमरूनाग मंदिर कमेटी ने देवता मंदिर और झील की रखवाली के लिए पहरेदार भी नियुक्त किए हैं मगर संदिग्धों की घाटी में सक्रियता बढ़ने से घाटी के लोग और मंदिर कमेटी सकते में है।
यह भी माना जाता है कि इस झील की गहराई में कहीं पाताललोक का मार्ग भी छुपा है।ऐसा कहा जाता है कि यह परंपरा सदियों से चली आ रही है इसलिए यहां अरबों रुपए के गहने हो सकते हैं परन्तु इन गहनों को झील की गहराई से निकालने की कोई हिम्मत नहीं करता। ऐसी मान्यता है कि यदि इस झील के अंदर मौजूद ख़ज़ाने को कोई हाथ लगाने की भी कोशिश करेगा तो इस मंदिर के चारों ओर स्थित नागरूपी पेड़ जीवित हो जाता है एवं उस व्यक्ति को मारकर इस खज़ाने की रक्षा करता है।