Edited By Punjab Kesari, Updated: 22 Jan, 2018 02:39 PM
हिमाचल प्रदेश खूबसूरत वादियों के लिए पहचाना जाता है। सुकून और फुर्सत के कुछ पल बिताने के लिए पर्यटक यहां पहुंचते हैं। जहां पर्यटकों को रोजगार भी मिलता है और रोजी रोटी भी। लेकिन देवभूमि में एक बार आने वाला सैलानी तभी वापस आएगा जब उसे यहां पर हर तरह...
शिमला (राजीव): हिमाचल प्रदेश खूबसूरत वादियों के लिए पहचाना जाता है। सुकून और फुर्सत के कुछ पल बिताने के लिए पर्यटक यहां पहुंचते हैं। जहां पर्यटकों को रोजगार भी मिलता है और रोजी रोटी भी। लेकिन देवभूमि में एक बार आने वाला सैलानी तभी वापस आएगा जब उसे यहां पर हर तरह की सुविधाएं मिलेगी। विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकारें हिमाचल प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में उतना नहीं कर पाई जितना कि किया जाना चाहिए था। नई सरकार को भी इस बात का अहसास है। मुख्यमंत्री जयराम ने बजट से पहले दिल्ली में हुई बैठक के दौरान ये मुद्दा उनके सामने उठाया था।
पर्यटन क्षेत्र से राज्य में 3000 होटल, 10,000 से ज्यादा टैक्सी चालक और हजारों टूरिस्ट गाइड सीधे जुड़े हैं। हिमाचल की जीडीपी में इसे अहम हिस्सा माना जाता है। जीडीपी में पर्यटन का 7.50 फीसदी योगदान है। अगर सरकार सही नीति और इरादे से इस क्षेत्र में काम करे तो जहां बेरोजगारी कम हो सकती है वहीं प्रदेश का खजाना भी भर सकता है। साल 2020 तक दुनिया भर में सैलानियों की संख्या 1.6 अरब हो जाने की संभावना है। दुनिया में कई देश ऐसे हैं जहां की आय का मुख्य स्रोत टूरिज्म ही है। साल 2014 में चीन 55.6 मिलियन विदेशी पर्यटकों को अपने देश में खींच लाने में कामयाब रहा। जाहिर है अगर हिमाचल प्रदेश में संसाधन बढ़ते हैं तो कमाई भी बढ़ेगी।