Edited By Punjab Kesari, Updated: 23 Jan, 2018 01:55 PM
हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर द्वारा आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षाओं में होने वाली मूल्यांकन प्रक्रिया के लिए सरकार ने भूमिहीनों या 1 हैक्टेयर से कम भूमि वाले अभ्यर्थियों के लिए प्रमाण पत्र तैयार किया है। पहले हाकम या निचले स्तर के...
हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर द्वारा आयोजित की जाने वाली भर्ती परीक्षाओं में होने वाली मूल्यांकन प्रक्रिया के लिए सरकार ने भूमिहीनों या 1 हैक्टेयर से कम भूमि वाले अभ्यर्थियों के लिए प्रमाण पत्र तैयार किया है। पहले हाकम या निचले स्तर के अधिकारी के काऊंटरसाइन वाले पत्र भी अभ्यर्थी 1 नंबर के लिए मूल्यांकन प्रक्रिया में देते थे जिसे अब बदल दिया गया है। अब ऐसे काऊंटरसाइन वाले प्रमाणपत्र मान्य नहीं होंगे। आयोग ने इन प्रमाणपत्रों से काफी दिक्कतें आने के बाद इस मामले को प्रदेश सरकार के समक्ष रखा था क्योंकि इसी कारण परीक्षा परिणामों को घोषित करने में भी देरी हो रही थी।
काफी जद्दोजहद के बाद अब फेरबदल करते हुए एक प्रपत्र तैयार किया है जिस पर एस.डी.एम., तहसीलदार या नायब तहसीलदार जैसे सक्षम प्राधिकारी द्वारा अधोहस्ताक्षरित होने के बाद प्रमाणपत्र मान्य किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद अब साक्षात्कार प्रक्रिया की बजाय मूल्यांकन प्रक्रिया आयोजित की जाती है। इस प्रक्रिया में निर्धारित मापदंडों के 15 अंक अभ्यर्थी को सुनिश्चित किए गए हैं। इसी प्रक्रिया में भूमिहीन या 1 हैक्टेयर से कम भूमि वाले अभ्यर्थियों को 1 नंबर मिलता है जिसके लिए राजस्व विभाग की ओर से भूमिहीन होने या 1 हैक्टेयर से कम भूमि होने का प्रमाणपत्र अभ्यर्थियों की ओर से दिया जा रहा था, जिसमें समानता नहीं थी।
अब आयोग ने इन काऊंटरसाइन प्रमाणपत्रों को मान्य करने से मना कर दिया है जिसकी जगह एक अलग से प्रमाणपत्र का परफोर्मा तैयार किया है जोकि एस.डी.एम., तहसीलदार या नायब-तहसीलदार द्वारा जारी करने के बाद स्वीकार्य किया जाएगा। अब आयोजित होने वाली मूल्यांकन प्रक्रियाओं में चयनित अभ्यर्थियों को इसी पैटर्न से प्रमाणपत्र बनाने होंगे। कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के सचिव डॉक्टर जितेंद्र कंवर का कहना है कि मूल्यांकन प्रक्रिया के लिए काऊंटरसाइन प्रमाणपत्र स्वीकार्य नहीं होंगे। इसके लिए अलग से प्रपत्र बनाया गया है।