Edited By Punjab Kesari, Updated: 22 Jan, 2018 11:38 AM
सीएम जयराम ठाकुर ने बचपन के उस दौर को सांझा किया है जिसमें उन्होंने गरीबी को न सिर्फ देखा है बल्कि करीब से महसूस भी किया है। सराज विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान बालीचौकी में आयोजित जनसभा में जयराम ने उस दौर को याद किया जब वह किताबें मांगकर पढ़ाई...
मंडी (नीरज): सीएम जयराम ठाकुर ने बचपन के उस दौर को सांझा किया है जिसमें उन्होंने गरीबी को न सिर्फ देखा है बल्कि करीब से महसूस भी किया है। सराज विधानसभा क्षेत्र के दौरे के दौरान बालीचौकी में आयोजित जनसभा में जयराम ने उस दौर को याद किया जब वह किताबें मांगकर पढ़ाई करते थे और नंगे पांव स्कूल जाया करते थे। क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी कि वह जूते खरीद सकें। उन्होंने बताया कि जब वह स्कूल में पढ़ते थे तो उनके पिता वार्षिक परीक्षाओं से पहले अगली कक्षा के विद्यार्थियों से अपने बेटे के लिए किताबें मांग लिया करते थे। क्योंकि यह वो दौर था जब किताबें खरीदने के लिए भी पैसे नहीं होते थे।
उन्होंने कहा कि भले ही यह बातें आज सुनने में कुछ अजीब लगें लेकिन यह उनके जीवन का वो दौर था, जिसे उन्होंने खुद अनुभव किया है। सीएम ने कहा कि उन्हें एक मिस्त्री का बेटा होने पर गर्व है। भले ही आज पिताजी जीवित नहीं हैं लेकिन उनका आशीवार्द हमेशा मेरे साथ है। उनके माता-पिता ने उन्हें खून-पसीने की कमाई से पाल-पोस कर बढ़ा किया है जिस कारण आज वह इस मुकाम तक पहुंच पाए हैं। जयराम ने कहा कि न तो उनका परिवार किसी राजनीतिक पृष्ठभूमि से है और न ही वह अपने परिवार को राजनीति में लाना चाहते हैं।