Edited By Updated: 01 Oct, 2016 01:30 PM
हिमाचल प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में सेवाएं देने का शिक्षकों का मोह नहीं छूट रहा है जिसके कारण विपरीत परिणाम आ रहे ...
कुल्लू: हिमाचल प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में सेवाएं देने का शिक्षकों का मोह नहीं छूट रहा है जिसके कारण विपरीत परिणाम आ रहे हैं। इसका खमियाजा शिक्षा ग्रहण कर रहे बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। शहरी क्षेत्रों के दायरे में आने वाले जिला के कई स्कूलों में सरप्लस स्टाफ है। शिक्षा विभाग को अगर खाली करे व सिंगल शिक्षक वाले स्कूलों में तैनाती कर दे तो सोने पे सुहागा जैसी बात हो जाएगी लेकिन शिक्षा विभाग में बैठी अफसरशाही इस दिशा में कारगर कदम उठाने में विफल रही है।
जिला कुल्लू में इस समय 761 प्राइमरी स्कूल है। इनमें से 24 स्कूल ऐसे है कि जहां पर एक शिक्षक तैनात कर रखे हैं, ऐसे में जहां इन स्कूलों में अध्यापकों को बाबू का काम करना पड़ रहा है, वहीं स्कूली बच्चों का भविष्य अंधकारमय होने की कगार पर है। जिला के ठुजाग्राहण, हवाई, फलाइन व परवी, आदि 24 स्कूलों में एक अध्यापक तैनात किया है। जबकि जिला में 99 जे.बी.टी.सरप्लस टीचर है।
उन्हें बदलने के लिए विभाग गंभीर नहीं दिख रहा है। उधर, प्रारंभिक शिक्षा उपनिदेशक कुलवंत पठानिया ने कहा कि अगले माह से सरप्लस शिक्षक को बदलने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि कुल 234 जे.बी.टी. शिक्षकों में से 135 शिक्षक को स्कूलों में तैनात किया गया है। अब 99 शिक्षकों को अगले माह से स्थानातरण करने की प्रक्रिया शुरू किया जाएगा।