तस्वीरों में देखिए: जब मेले में बेकाबू हुए भैंस, लोगों को पैरों तले रौंदा

Edited By Punjab Kesari, Updated: 17 Sep, 2017 10:02 AM

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शिमला से सटे मशोबरा के तलाई सायर मेले में उस समय हड़कंप मच गया जब भैंसों की लड़ाई बिगड़ गई। बेकाबू भैंस मेले की भीड़ में घुस गया और उसने भीड़ को पैरों तले रौंदना शुरू कर दिया।

शिमला: शिमला से सटे मशोबरा के तलाई सायर मेले में उस समय हड़कंप मच गया जब भैंसों की लड़ाई बिगड़ गई। बेकाबू भैंस मेले की भीड़ में घुस गया और उसने लोगों को पैरों तले रौंदना शुरू कर दिया। मेले में अफरातफरी मच गई। कोई मेरी बेटी को बचाओ, चिल्लाती रही मां। बताया जाता है कि इस मेले में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को सरेआम ठेंगा दिखाया गया। कोर्ट की रोक के बावजूद मेले में भैंसों की लड़ाई करवाई गई। कानून के जिन प्रहरियों पर कोर्ट के आदेश की अनुपालना सुनिश्चित करने का जिम्मा है, वही तमाशबीन बने रहे। मेले का उद्घाटन स्थानीय विधायक अनिरुद्ध सिंह ने किया। वहीं जानवरों के साथ खेले गए क्रूरता के खेल में उनकी भी कहीं न कहीं सहमति थी। बेशक विधायक यह दावा कर रहे हैं कि उनके सामने ऐसा नहीं हुआ। 
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आयोजकों की कार्यप्रणाली पर भी उठ रहे सवाल 
इस पूरे खेल को लेकर आयोजकों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। अभी तक पुलिस आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का साहस नहीं जुटा पा रही है। उसे इस मामले में किसी शिकायत का इंतजार है। हालांकि एक दिन पहले शिमला के डी.सी. रोहन चंद ठाकुर ने दावा किया था कि अगर भैंसे लड़ाए गए तो वह पुलिस में एफ.आई.आर. दर्ज करवाएंगे, लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या पुलिस को इस मामले का खुद संज्ञान नहीं लेना चाहिए? समय लगभग 3 बजे के बाद का था, जब सायरी मेले में 2 भैंसों को लड़वाया गया और यहां पहुंचे सैंकड़ों लोग इसके गवाह बने। हैरानी की बात यह है कि मेले के दौरान यहां मशोबरा चौकी से 5 पुलिस कर्मी भी तैनात रहे लेकिन यहां भैंसों की हो रही लड़ाई को रोकने तक की कोशिश नहीं की गई। हालांकि उधर आयोजकों ने भी भैंसों की लड़ाई से साफ इंकार किया है। हालांकि इस दौरान एक भैंस बेकाबू भी हो गया और लोग उससे बचने के लिए इधर-उधर भागने लगे। 
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वीडियो व फोटो खींचने पर मीडिया कर्मियों से की हाथापाई 
आयोजकों ने कोर्ट के आदेशों को सिरे से नकारते हुए इसका आयोजन किया। मेले में भैंसों की लड़ाई के दौरान जो इसकी फोटो और वीडियो बना रहा था, उसे भी रोका गया। यहां तक कि कई लोगों के फोन भी छीने गए। यही नहीं, मीडिया कर्मियों से भी बदसलूकी करने से यहां कुछ लोग पीछे नहीं हटे। मीडिया कर्मियों को भी वीडियो और फोटो बनाने से रोका गया व मीडिया कर्मियों से हाथापाई भी की गई।  
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कुदरत ने दी नई जिंदगी
मेले में मची भगदड़ के दौरान बेकाबू भैंस ने सामने दिखाई देने वाले शख्स को अपने सिर से पटकना शुरू कर दिया। इसी बीच मेले देखने पहुंचा एक स्थानीय युवक भैंस की चपेट में आ गया। जैसे ही भैंस उसे रौंदने के बाद आगे बढ़ा, युवक और लोगों के मुंह से एक ही शब्द निकला कि कुदरत ने इसे नई जिंदगी दे दी।
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2014 में कोर्ट लगा चुकी है रोक
मशोबरा के तलाई में काली माता को खुश करने के नाम पर सदियों से भैंसों की लड़ाई करवाई जाती रही है। 3 साल पहले मई 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने बैलगाड़ी रेस और जानवरों की लड़ाई पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया। कोर्ट ने इसे परंपराओं के नाम पर पशुओं के प्रति क्रूरता करार दिया था। इसके बाद हाईकोर्ट ने भी इस प्रकार के आयोजनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था। 3 साल तक इस मेले में भैंसों की लड़ाई नहीं हुई, लेकिन इस बार जबरन आयोजन करवा दिया गया।
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