सुन्नी में विक्रमादित्य ने प्रचार अभियान के दौरान पहनी महरून टोपी

Edited By Punjab Kesari, Updated: 02 Nov, 2017 06:52 PM

vikramaditya dressed sunni during campaigning

जालंधर : हिमाचल में सियासी पारा चरम पर नजर आ रहा है। जहां राजनेता रैलियों के दौरान दिल्ली से आये दिग्गजों को हरे और महरुन कलर की टोपियां पहनाकर अपनी पार्टियों की शान बढ़ा रहे हैं, वहीं हिमाचल सरकार के सीएम और इन चुनाव में कांग्रेस पार्टी के सीएम...

जालंधर : हिमाचल में सियासी पारा चरम पर नजर आ रहा है। जहां राजनेता रैलियों के दौरान दिल्ली से आये दिग्गजों को हरे और महरुन कलर की टोपियां पहनाकर अपनी पार्टियों की शान बढ़ा रहे हैं, वहीं हिमाचल सरकार के सीएम और इन चुनाव में कांग्रेस पार्टी के सीएम कैंडिडेट वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह महरुन कलर की पहाड़ी टोपी पहनकर टोपियों की सियासत को खत्म करने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। आज शिमला ग्रामीण से कांग्रेस पार्टी के कैंडिडेट विक्रमादित्य सिंह ने सुन्नी क्षेत्र के बाजार में लोगों से महरुन कलर की टोपी पहनकर वोट मांगे। इस दौरान दौरान उनके साथ वर्कर्स का हुजूम नजर आया। वर्कर्स उनके समर्थन में नारे लगा रहे थे और लोगों उनके पक्ष में मतदान करने की मांग भी करते हुए नजर आ रहे थे।गौरतलब है कि हिमाचल में टोपियों की सियासत अकसर देखने को मिलती है। जहां वीरभद्र सिंह हरे रंग की टोपी पहनकर लोगों के बीच देखे गए हैं और वे इसे कांग्रेस पार्टी का प्रतीक भी मानते हैं। वहीं हिमाचल के प्रतिपक्ष के नेता व पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल लोगों में महरून कलर की टोपी पहनकर मिलते हुए देखे जाते हैं। 

पीटरहॉफ में उतारी थी टोपी
टोपी के रंग को लेकर हिमाचल में खूब राजनीति होती रही है। अधिकतर देखने में आया है कि कांग्रेसी नेता हरे रंग की टोपी पहनते हैं व बीजेपी के नेता महरून रंग की टोपी। इसका ताजा उदाहरण पीटरहॉफ में देखने को मिला था। जब सीएम ने सम्मान स्वरूप उन्हें प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर की तरफ से पहनाई जा रही लाल टोपी को पहनने की बजाय उसे पटक दिया था। इस नजारे को देखकर पीटरहॉफ में सन्नाटा छा गया था। 

सीएम ने मंच पर किनारे फेंक दी टोपी 
जैसे ही कौल ने टोपी वीरभद्र के हाथ में दी तो उन्होंने मंच पर किनारे में फेंक दी और अपनी टोपी पहन ली। जब स्वास्थ्य मंत्री सीएम को सम्म्मानित करने को महरून रंग की टोपी पहनाने लगे थे, तो उन्होंने उसे नहीं पहना। सीएम ने बाद में महरून रंग की टोपी को साइड पर रख दिया और अपनी हरे रंग की टोपी पहन ली। हां, उन्होंने शाल जरूर ग्रहण की थी।

वीरभद्र बोले थे, बदलाव के खेल में मैं नहीं पड़ता 
हालांकि सीएम लाल टोपी को पहनाए जाने पर भी नाराज नजर आए थे। यह सब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की मौजदूगी में हुआ। वहीं लोग पहेलियां बूझा रहे थे कि टोपी मैरून रंग की थी। हो सकता है कि सीएम ने इसलिए किनारे कर दी हो। वीरभद्र ने कहा कि पार्टी में बदलाव के खेल में मैं नहीं पड़ता हूं। कांग्रेस का सच्चा सिपाही हूं। सीएम हमेशा हरे रंग की ही टोपी पहनते हैं।

पीएम मोदी ने हरे रंग की टोपी पहनकर लगाया था सियासत को विराम   
हिमाचल में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन समारोह में प्रदेश के सीएम वीरभद्र सिंह के हाथों हरे रंग की टोपी पहनकर टोपियों की राजनीति को विराम लगा दिया था। प्रधानमंत्री का प्रदेश के लोगों से इतना स्नेह है कि वे किसी भी रूप में हिमाचलियों के प्यार को स्वीकार करते हैं। इसका उदहारण उन्होंने एक उद्घाटन कार्यक्रम में दिया था।

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