पुलिस ने किया वाहन फर्जीवाड़े का खुलासा, यहां होता था फर्जी पंजीकरण

Edited By Updated: 02 Dec, 2016 07:43 PM

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प्रदेश में अब तक के सबसे बड़े वाहन फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। यहां एक कम्प्यूटर सैंटर संचालक दर्जनों वाहनों के जाली दस्तावेज तैयार कर चुका है।

मंडी: प्रदेश में अब तक के सबसे बड़े वाहन फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। यहां एक कम्प्यूटर सैंटर संचालक दर्जनों वाहनों के जाली दस्तावेज तैयार कर चुका है। अभी तक की जांच में खुलासा हुआ है कि जो 6 लग्जरी कारें चोर गिरोह से पुलिस ने बरामद की हैं उनका पंजीकरण बल्ह हलके के भंगरोटू में स्थित एक कम्प्यूटर सैंटर में होता रहा। इसका संचालक चोरी के वाहनों का पंजीकरण प्रमाण पत्र (आर.सी.) बनवाता था।

बने हैं सैंकड़ों फर्जी ड्राइविंग लाइसैंस व आर.सी.   
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक कम्प्यूटर सैंटर मालिक अब तक सैंकड़ों फर्जी आर.सी. व ड्राइविंग लाइसैंस बना चुका है। इस बात का खुलासा पूछताछ में हुआ है। कम्प्यूटर सैंटर मालिक ने पुलिस के समक्ष अपना गुनाह भी कबूल कर लिया है। सैंटर से पुलिस ने बड़ी संख्या में पंजीकरण से संबंधित फर्जी लाइसैंस अथॉरिटी की मुहर व अन्य सामग्री बरामद की है।

यू.पी. में चेंज होते थे इंजन व चैसी नंबर
गिरोह के सदस्य चोरी के वाहनों के इंजन व चैसी नंबर उत्तर प्रदेश के मेरठ या फिर सहारनपुर में बदलवाते थे। जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि प्रदेश से चोरी वाहनों को गिरोह के सदस्य उत्तर प्रदेश के कई शहरों में बेच आते थे। वहां से चोरी के वाहन यहां ले आते थे।

पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश जाएंगी टीमें
शुक्रवार को एस.पी. प्रेम कुमार ठाकुर ने एडीशनल एस.पी. कुलभूषण वर्मा, डी.एस.पी. सुंदरनगर संजीव भाटिया, पी.ओ. सैल व मामले की जांच कर रहे अधिकारियों के साथ बैठक की। मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल (एस.आई.टी.) का पुनर्गठन किया गया है। अलग-अलग राज्यों में जांच के लिए 4 टीमों का गठन किया गया है। चारों टीमें शनिवार को पंजाब, हरियाणा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश के लिए रवाना होंगी। लाखों रुपए की लग्जरी कारों की बरामदगी के बाद पुलिस अब उनके असली मालिकों का सुराग लगाने में जुट गई है। 

छोटे वाहनों की तैयार हो रही सूची
बताया जा रहा है कि गिरोह ने बड़ी संख्या में हरियाणा, राजस्थान व उत्तर प्रदेश से चोरी की बुलेट, स्कूटी व छोटी कारें लाई हैं। फर्जी दस्तावेज तैयार कर सैंकड़ों वाहन कम दाम पर लोगों को बेच दिए। पुलिस अब छोटे वाहनों की सूची तैयार करने में लग गई है। वाहन चोर गिरोह का मुख्य सरगना महबूब अख्तर बताया जा रहा है। पुलिस ने दावा किया है कि इसी ने इनोवा व अन्य लग्जरी कारें कई लोगों को बेची थीं। 

एस.पी. मंडी प्रेम कुमार ने बताया कि वाहन चोर गिरोह के तार कई राज्यों से जुड़े हुए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए एस.आई.टी. का पुनर्गठन कर 4 टीमें बनाई गई हैं। चारों टीमें शनिवार को अलग-अलग राज्यों के लिए रवाना होंगी, जहां संबंधित आर.एल.ए. अथॉरिटी से संपर्क कर मूल मालिकों का पता लगाया जाएगा। कम्प्यूटर सैंटर मालिक के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है जिसने सारे वाहनों के फर्जी आर.सी. व अन्य दस्तावेज बनाए हैं।

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