Edited By Updated: 21 Feb, 2017 11:50 AM
आगामी बजट सत्र में प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं और सहायिकाओं को बड़ी राहत दे सकती है।
शिमला: आगामी बजट सत्र में प्रदेश सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं और सहायिकाओं को बड़ी राहत दे सकती है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की ओर से बजट में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय बढ़ौतरी का प्रस्ताव भेजा गया है जिसमें बजट सत्र में अंतिम मोहर लगना लगभग तय हो गया है। इस दौरान इनका मानदेय बढ़ाने की तैयारी सरकार ने कर दी है। बताया जा रहा है कि इस बजट सत्र में आंगनबाड़ी में कार्यरत कार्यकर्त्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय में 1000 से 1500 रुपए तक की बढ़ौतरी हो सकती है।
सरकार आंगनबाड़ी वर्कर्ज की अन्य मांगों पर कर रही विचार-विमर्श
इसके साथ ही राज्य सरकार आंगनबाड़ी वर्कर्ज व हैल्पर्ज की अन्य मांगों पर भी विचार-विमर्श कर रही है। यदि सरकार इनके मानदेय में बढ़ौतरी करती है तो इससे राज्य की 38 हजार कार्यकत्र्ताओं व सहायिकाओं को राहत मिलेगी। पिछले लंबे अरसे से उक्त कर्मचारी सरकार से मानदेय में बढ़ौतरी की मांग कर रहे हैं। इसी के चलते सरकार इनके मानदेय में बढ़ौतरी कर रही है। इस संबंध में कई बार राज्य आंगनबाड़ी यूनियन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री को ज्ञापन सौंप चुकी है। मुख्यमंत्री से भी कई बार यूनियन के पदाधिकारियों ने इस संबंध में ज्ञापन सौंपा है।
कार्यकर्त्ता कर रहे मानदेय में 5,000 की मांग
राज्य आंगनबाड़ी यूनियन प्रदेश सरकार से आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं के मानदेय में 5,000 रुपए की बढ़ौतरी और सहायिकाओं के मानदेय में 2,200 रुपए के बढ़ौतरी की मांग कर रहे हैं। बता दें कि मौजूदा समय में आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ताओं को 3500 रुपए मासिक और सहायिकाओं को प्रतिमाह 1800 रुपए बतौर मानदेय दिया जा रहा है।