7000 की जॉब का झांसा देकर फंसाए आदिवासी युवक

Edited By Punjab Kesari, Updated: 25 Sep, 2017 06:02 PM

una  jobs  tribals  framed

जिला से मानव तस्करी और बंधुआ मजदूरी के तार जुडऩे के पीछे दिल्ली के एक लेबर कांट्रैक्टर का नाम सामने आया है।

नॉर्थ में 3000 से अधिक बंधुआ मजदूरों की सप्लाई का दिल्ली की एन.जी.ओ. का दावा
ऊना :
जिला से मानव तस्करी और बंधुआ मजदूरी के तार जुडऩे के पीछे दिल्ली के एक लेबर कांट्रैक्टर का नाम सामने आया है। बिहार का मूल निवासी उक्त कांटै्रक्टर न केवल दिल्ली में अपनी पैठ बनाने के साथ-साथ लेबर होस्टल भी चला रहा है, वहीं देश के कई इलाकों में काम के बहाने आदिवासी युवाओं सहित दुर्गम और अति गरीबी वाले क्षेत्रों से युवाओं को लाकर मजदूरी के लिए सप्लाई करने में लगा है। दिल्ली की संस्था की मानें तो उक्त सप्लायर द्वारा नॉर्थ इंडिया में ही लगभग 3000 मजदूरों को सप्लाई किया है जिनके हक की कमाई वह स्वयं खा रहा है। रैस्क्यू किए गए बंधुआ मजदूरों ने बताया कि वह असम और त्रिपुरा के निवासी हैं और वह निर्धन परिवार से संबंधित है।

दिल्ली सहित अन्य राज्यों में भेजने का दिया लालच
 गरीबी से परेशान उन लोगों को दिल्ली का सप्लायर मिला जिसने उन्हें दिल्ली सहित अन्य जगहों पर उद्योगों में काम करने और 7000 रुपए प्रतिमाह वेतन एवं अन्य सुविधाएं मुफ्त देने का वायदा किया, उन्हें यहां पटक दिया। यहां उन्हें वह काम भी करना पड़ा जो वह नहीं करना चाहते थे। बोझा ढोने और सफाई करने का काम करने के हक में वे नहीं थे लेकिन उन्हें मजबूरी वश करना पड़ा। कई माह से वे यहां पर हैं, उन्हें शुरूआत में ही एक बार वेतन मिला जबकि उसके बाद से उन्हें कोई रुपए नहीं मिले। न तो उनके घर पर वेतन की अदायगी की जाती थी। मजदूरों के मुताबिक आदिवासी क्षेत्र से संबंधित होने के चलते उन्हें यहां की भाषा का इतना ज्ञान नहीं है जिसके चलते उनकी पेचीदगियां और भी बढ़ गईं। 

नाबालिग मजदूर ने सुनाई व्यथा
टूटी फूटी ङ्क्षहदी में अपनी व्यथा बयान करते हुए एक नाबालिग मजदूर ने कहा कि वह एक ग्रामीण होटल में पिछले 13 माह से कार्यरत है। इस दौरान उसे सिर्फ एक बार 12 हजार रुपए दिए गए जोकि उसने अपने जीजा के देहांत के बाद उनके संस्कार के लिए अपने घर भेजने के लिए मांगे थे। न उससे पहले और न उसके बाद उसे कोई रुपए मिले न उनके घर भेजा गया। उसने और उसके साथियों ने बताया कि उनसे लगातार काम लिया जाता रहा है और 2 टाइम खाना दिया जाता था। वेतन मांगने पर ठेकेदार से वेतन मांगने को कहा जाता था।

जिला प्रशासन कार्रवाई में जुटा
पूरे मामले पर गौर करें तो दिल्ली के उक्त ठेकेदार के चंगुल में ऊना के होटल-ढाबा मालिक भी अपनी जरूरत पूरी करने के चक्कर में फंस गए हैं। बिना असलियत को जाने उन्होंने उक्त कांट्रैक्टर से मजदूर लेकर काम तो करवा लिया और इसके बदले में उक्त कांट्रैक्टर को पेमैंट भी करते रहे लेकिन कभी उन्होंने इस पर गौर नहीं किया कि उनके द्वारा दी गई वेतन की रकम उनके पास काम करने वाले मजदूरों या उनके घरों में पहुंच रही है या कांट्रैक्टर ही मजदूरों की मेहनत चट कर रहा है। दिल्ली की एन.जी.ओ. के संपर्क में कुछ बंधुआ मजदूर दिल्ली में आए और धीरे-धीरे इसके तार ऊना से जुड़े। अब जिला प्रशासन इस पूरे घटनाक्रम पर कार्रवाई में लगा हुआ है। 

जांच में सामने आ सकते हैं बड़े नाम
दिल्ली की एन.जी.ओ. नैशनल कैंपेन कमेटी फॉर इरेडिकेशन ऑर बाऊंडिड लेबर के कन्वीनर निर्मल गोराना का दावा है कि यह एक बहुत बड़ा रैकेट है जिसके तार केवल ऊना या हिमाचल ही नहीं बल्कि देश के कई हिस्सों में फैले हंै। अकेले नॉर्थ इंडिया में ही दिल्ली के उक्त कांट्रैक्टर ने 3000 से अधिक मजदूर यहां वहां सप्लाई किए हैं जिनमें से कइयों का पता नहीं चल पा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि इस मामले की सही तरह से जांच-पड़ताल की जाए तो इस रैकेट में कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!