Edited By Punjab Kesari, Updated: 08 Jul, 2017 11:29 PM
कई दशकों पहले सरकार ने जिस खजियार को मिनी स्विट्जरलैंड का नाम दिया वहां पहुंचने के लिए आज सैलानियों को जान जोखिम में डाल आना पड़ रहा है।
डल्हौजी: कई दशकों पहले सरकार ने जिस खजियार को मिनी स्विट्जरलैंड का नाम दिया वहां पहुंचने के लिए आज सैलानियों को जान जोखिम में डाल आना पड़ रहा है। बेहद घुमावदार सड़कें पूरी तरह जानलेवा हो गई हैं। डल्हौजी से खजियार तक की करीब 14 किलोमीटर की लंबी सड़क गड्ढों में तबदील हो चुकी हैं। कीचड़ और गाद तो सड़क पर बिखरे ही हैं, साथ ही सड़क के एक तरफ पहाड़ और दूसरी तरफ गहरी खाइयों में वाहनों को जोखिम से बचाव के लिए कोई इंतजाम नहीं। देश-प्रदेश में बड़े नाम वाले इस मिनी स्विट्जरलैंड तक पहुंचने में लोगों को प्रकृति के नजारे लेने से ज्यादा अपनी जान का फिक्र सताता है। हालात ऐसे हैं कि पर्यटन उद्योग से इलाके की आर्थिकी बदलने की तमाम कोशिशें पूरी तरह से बेमानी साबित हो रही हैं।
सड़कों को दुरुस्त रखा जाए
कई फिल्मों की यहां पर शूटिंग भी हुई है। हर साल यहां लाखों के हिसाब से पर्यटक आते हैं। खासकर गर्मियों के दिनों में तो पर्यटक की यहां बाढ़ आ जाती है। इन्हीं लोगों के बूते यहां के लोगों की आजीविका भी चलती है और होटल भी, ऐसे में सरकार का यह दायित्व बनता है कि कम से कम ऐसे पर्यटन स्थलों तक पहुंचाने वाली सड़कों को दुरुस्त रखा जाए लेकिन सरकार के कानों तक आवाज नहीं पहुंचती है।
क्या कहते हैं पर्यटक
जोधपुर से इनोवा गाड़ी में परिवार के साथ आए राम कुमार सिहोता कहते हैं कि हम पिछले साल आए थे तो भी इस सड़क का हाल अच्छा नहीं था। सोनीपत हरियाणा के रहने वाले अमनप्रीत सिंह कहते हैं कि इस सड़क की हालत देखकर लगता है कि कई जमाना हो गया है यहां सरकार को निर्माण किए। कपूरथला के महताब सिंह और मेरठ के शिवेंदर यादव कहते हैं कि ऐसे हालात में भला लोग जान जोखिम में डालकर क्यों आएंगे। अगली बार हम यहां नहीं आएंगे।