वो 5 कारण, जिनकी वजह से हिमाचल में खिला कमल

Edited By Punjab Kesari, Updated: 19 Dec, 2017 02:10 PM

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18 दिसंबर को आए चुनाव के नतीजों के बाद हिमाचल में कमल खिल गया है। बीजेपी ने प्रदेश की 68 सीटों में से 44 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर लिया है। आइए जानते हैं वो वजहें जिनके चलते पार्टी जीत की दहलीज तक पहुंची।

शिमला: 18 दिसंबर को आए चुनाव के नतीजों के बाद हिमाचल में कमल खिल गया है। बीजेपी ने प्रदेश की 68 सीटों में से 44 सीटें जीतकर बहुमत हासिल कर लिया है। आइए जानते हैं वो वजहें जिनके चलते पार्टी जीत की दहलीज तक पहुंची। 


1. कांगड़ा का किला हुआ मजबूत
पिछले विधानसभा चुनाव में कांगड़ा का दुर्ग गंवा जीत बीजेपी ने इस बार यहां पर शानदार वापसी की है। कांगड़ा जिला की 15 सीटों में इस बार बीजेपी 11 सीटें जीती हैं, जबकि कांग्रेस के खाते में सिर्फ तीन सीटें आई हैं। एक सीट निर्दलीय के खाते में गई है जो देहरा से विजयी हुए हैं। 2012 में बीजेपी को कांगड़ा में बड़ा झटका लगा था।  


2. मंडी ने बनाई सरकार
कांगड़ा के साथ-साथ मंडी जिला ने भी बीजेपी की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई। लोगों ने इकतरफा वोटिंग करते हुए जिला की 10 सीटों में से 9 सीटें बीजेपी की झोली में डाल दी। जिला में कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया हो गया क्योंकि इस एक सीट निर्दलीय के खाते में गई है। 


3. सुखराम पर दांव हुआ कामयाब
मंडी जिला में कांग्रेस का सूपड़ा साफ होने के बाद सुखराम फैक्टर भी रहा है। सुखराम का बीजेपी में जाने से इसका पूरा फायदा पार्टी ने उठाया। सदर सीट से न सिर्फ सुखराम के पुत्र अनिल शर्मा विजयी रहे बल्कि बल्ह में उन्होंने अपने ही शागिर्द और मंत्री प्रकाश चौधरी को हराने में अहम भूमिका दिखाई। पूरे जिला में सुखराम का प्रभाव दिखा जिसका फायदा बीजेपी को मिला। 


4. बीजेपी का बेहतर चुनाव प्रबंधन
 बीजेपी का चुनाव प्रबंधन, कांग्रेस से बेहतर रहा। हर मोर्चे पर बीजेपी कांग्रेस से आगे ही रही। बात चाहे टिकट बांटने की हो, या फिर स्टार प्रचारक उतारने की या फिर विजन डॉक्यूमेंट जारी करने की। बीजेपी ने हर फ्रंट पर कांग्रेस को मात दी और बेहतर चुनाव प्रबंधन का परिचय देते हुए चुनाव जीतने के शानदार रणनीति बनाई।


5. वोट प्रतिशत बढ़ाया 
बीजेपी की बेहतर रणनीति का ही असर था कि इस बार बीजेपी को वोट प्रतिशत बढ़ा है। इस बार बीजेपी को कुल 48.8 फीसदी वोट पड़े, जबकि कांग्रेस ने 41.7 प्रतिशत वोट हासिल किए। साल 2012 के चुनाव में बीजेपी को 38.83 प्रतिशत वोट मिले थे।

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