Edited By Punjab Kesari, Updated: 24 Aug, 2017 04:17 PM
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का तीसरा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया।
शिमला (राजीव): हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र का तीसरा दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। आज सदन की कार्यवाही हंगामे के बीच ही हुई। वहीं नारेबाजी के बीच ही सदन मेें तीन बिल पेश किए गए और एक बिल पास किया गया। सदन में आज भी विपक्षी सदस्य बैल में आए और नारेबाजी करने लगे। इसके बाद वह अध्यक्ष के आसन के पास जाकर टेबल बजाते हुए नारेबाजी करने लगे। यही नहीं वे कुलदीप कुमार और आशा कुमारी के पास भी गए और जब कुलदीप अपनी कमेटी के दस्तावेज सदन में पेश कर रहे थे तो रणधीर शर्मा ने उनका माइक अपनी ओर खींच किया। इसी शोरगुल के बीच विधायी कार्य पूरा होने के बाद विधानसभा अध्यक्ष बीबीएल बुटेल ने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले भी बुटेल ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित की थी। आज सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सदन में विपक्षी सदस्यों ने कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया। इसके साथ ही सदन में फिर हंगामा होने लगा और दोनों ओर से शब्दबाण चलते रहे। इस बीच विधानसभा अध्यक्ष बीबीएल बुटेल ने सीएम वीरभद्र सिंह को स्टेटमेंट देने को कहा। जैसे ही सीएम स्टेटमेंट देने लगे, विपक्षी सदस्यों ने शोर-शराबा शुरू कर दिया।
सीएम के स्टेटमेंट देते ही विपक्ष की नारेबाजी शुरू
इसी शोरगुल के बीच सीएम ने कहा कि आपको क्या पता मैं क्या स्टेटमेंट दे रहा हूं। विपक्षी सदस्यों ने कहा कि सीएम कैसे स्टेटमेंट दे सकते हैं. जब अध्यक्ष ने प्रश्नकाल शुरू करवाया है। इस बीच अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने इसकी इजाजत दी है। इस बीच संसदीय कार्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि ऐसी रिवायत रही है और सीएम स्टेटमेंट दे सकते हैं। इसके बाद नेता प्रतिपक्ष प्रेमकुमार धूमल ने कहा कि तीन दिन से वे कानून व्यवस्था के मुद्दे पर नियम 67 के तहत चर्चा मांग रहे हैं, लेकिन अध्यक्ष उसे मान नहीं रहे हैं और आज प्रश्नकाल को स्थगित किए बिना सीएम को स्टेटमेंट देेने को कैसे अधिकृत किया। वहीं, धूमल ने कहा कि धर्मशाला में सुरेश भारद्वाज जब अध्यक्ष की सीट पर बैठे तो उन्हें सस्पेंड किया गया था और कल जब एक और सदस्य बैठा तो कोई कार्रवाई नहीं। इस पर बुटेल ने कहा कि उन्हें इसकी इजाजत दी गई थी। इस बीच, धूमल ने सीएम के स्टेटमेंट देने का मामला फिर उठाया। इस पर बुटेल ने कहा कि उन्होंने प्रश्नकाल सस्पेंड किया था और सीएम से स्टेटमेंट देने को कहा था।
धर्मपुर नाबालिक के साथ गैंगरेप का मुद्दा सदन में गूंजा
इसी शोरगुल के बीच महेंद्र सिंह ने फिर सदन में नियम 67 के तहत दिए गए नोटिस का जिक्र किया और कहा कि उनका नोटिस उनके हलके में एक नाबालिग युवती के साथ हुए दुराचार को लेकर था। उन्होंने कहा कि इस घटना में तीन लोग शामिल थे और वे सब एक ही समुदाय विशेष से थे। उन्होंने कहा कि इस युवती के साथ कई बार रेप किया गया और फिर इसे छोड़ा गया। इसके बाद जब मामला पुलिस में पहुंचा तो वहां पर इसे दबाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि धर्मपुर से कांग्रेस के एक नेता, जिसने उनके खिलाफ चुनाव लड़ा है, वे इसे दबाने को दबाव डाल रहे थे। महेंद्र ने कहा कि यह संवेदनशील मुद्दा है और इसमें जब उन्होंने हस्तक्षेप किया तो पुलिस ने कार्रवाई की और फिर आरोपियो को पकड़ा गया। उन्होंने कहा कि युवती को मैडिकल के लिए मंडी ले जाना था और इसके लिए पीड़ित के परिजनों से पैसे मांगे गए। उन्होंने कहा कि पहले यहां गुड़िया मामला हुआ और फिर कई और मामले हुए और एेसे में पुलिस क्या कर रही है। इसलिए ही उन्होंने कानून व्यवस्था को लेकर स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया है।
इन मामलों में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी
इस बीच, संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में पुलिस ने त्वरित कार्यवाही की है, लेकिन विपक्ष इस मामले पर राजनीति कर रहा है। वहीं, स्वास्थ्य मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने कहा कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और इसमें इसमें पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की है। लेकिन विपक्ष इस पर राजनीति कर रहा है। उन्होंने कहा कि यदि दबाव होता तो इस मामले में एफआईआर न होती और न आरोपी पकड़े जाते। उन्होंने कहा कि मेडिकल मुफ्त होता है और इसका मेडिकल भी मुफ्त हुआ है। उन्होंने कहा कि गुड़िया मामला सीबीआई को भेजा है यह संस्था केंद्र सरकार के अधीन है। उन्होंने कहा कि इन मामलों में दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी। उधर, अध्यक्ष ने कहा कि महेंद्र के मामले को नियम 62 में परिवर्तित किया गया है और इस पर कल चर्चा रखी है।
कुल्लू किन्नौर में युवती के साथ हुए रेप का मामला भी उठा
उधर, महेश्वर ने कल बजौरा में एक नाबालिग युवती के साथ 27 वर्ष के युवक द्वारा रेप किए जाने का मामला उठाया और कहा कि इसकी पुष्टि मैडिकल में हुई है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने गुड़िया मामले में दोषियों को संरक्षण न दिया होता तो ये घटनाएं न घटती। इस बीच, बीजेपी सदस्य रविंद्र रवि ने कहा कि ये घटनाएं नई नहीं हैं। सरकार के आने के बाद ऐसी घटनाएं घटती रही हैं। उन्होंने 16 जनवरी 2014 को किन्नौर की एक युवती रामपुर आती है और वहां पर गुंडे उसे उठा लिया जाता है और फिर रेप किया जाता है और तीन दिन के बाद छोड़ा जाता है और उस मामले में आज तक गुंडे नहीं पकड़े गए। उन्होंने पूछा कि कोटखाई, रामपुर और कुल्लू के गुंडे कौन हैं। उन्होंने सीएम के स्टेटमेंट देने पर भी सवाल उठाया और कहा कि क्या वे स्टेटमेंट दे सकते हैं।
फोरेस्ट गार्ड होशियार सिंह हत्या का मुद्दा भी गूंजा
उधर, बीजेपी के ही जयराम ठाकुर ने कुछ दिन पहले नियम 62 में दिए नोटिस की जानकारी लेनी चाही। उन्होंने कहा कि वन रक्षक होशियार सिंह के मामले पर नोटिस दिया है और उसका पता नहीं है। उन्होंने कहा कि होशियार कई दिन गायब रहता है फिर उसकी लाश पेड़ पर उलटी टंगी मिलती है और यह मामला भी दबाया गया है। इस मामले में पहले 302 के तहत मामला दर्ज किया गया और फिर धारा बदल कर आत्महत्या की धारा 306 लगाई गई। उन्होंने कहा कि हत्या के मामले आत्म हत्या में बदले जा रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने भी एक घटना का जिक्र किया
जयराम ठाकुर ने कल रात हुए एक घटना का भी इस दौरान जिक्र किया। उन्होंने कहा कि कल वे शिमला आ रहे थे और इस दौरान बालुगंज से आगे एक गाड़ी से पास लिया और उसके बाद वह गाड़ी लगातार हार्न बजाते हुए चलती रही और चौड़ा मैदान में सिसिल होटल पास उसने ओवरटेक किया और जब वे विधानसभा पहुंचे तो वह कार भी पीछे आ गई। इस दौरान जब वहां पुलिस कर्मी से उस कार के चालक को बुलाने को कहा तो वह कार चालक उसे लेकर भाग गया। इस दौरान उसका नंबर नोट किया और यह (एचपी-10-ए-2450) था। उन्होंने कहा कि यह विधानसभा की सुरक्षा का सवाल है और कैसे कोई वाहन अंदर घुस सकता है। इसकी जानकारी उन्होंने एसपी को भी दी और सुबह पुलिस के एसएचओ आए और पुछा कि क्या करना है। उन्होंने कहा कि यह तो पुलिस की स्थिति है।