Edited By Updated: 11 Jan, 2017 01:26 PM
उपमंडल भोरंज के अधिकांश कस्बे सांझ ढलते ही बुरी तरह अंधेरे में डूब जाते हैं जिस कारण कई बार पैदल चलकर इन कस्बों से गुजरना कई ग्रामीणों को आफत से कम नहीं लगता।
भोरंज (रवि कुमार): उपमंडल भोरंज के अधिकांश कस्बे सांझ ढलते ही बुरी तरह अंधेरे में डूब जाते हैं जिस कारण कई बार पैदल चलकर इन कस्बों से गुजरना कई ग्रामीणों को आफत से कम नहीं लगता। इतना ही नहीं, रात्रि गश्त कर रहे पुलिस जवानों को भी अंधेरे में गश्त करना मुश्किल हो जाता है लेकिन आज तक कस्बों में रोशनी हेतु न तो स्थानीय व्यापार मंडल रुचि लेते दिखे हैं और न ही स्थानीय पंचायतें व संबंधित विभाग कस्बों को रोशन करने के लिए कोई कारगर कदम आज तक उठा पाया है जिस कारण जनता में काफी रोष है।
इतना ही नहीं, कस्बों में बुरी तरह पसरे अंधेरे का फायदा उठाकर चोर चोरी जैसी घटनाओं को अंजाम देकर निकल जाते हैं लेकिन बाद में कस्बों की रोशनी की तरफ कोई ध्यान नहीं देता जोकि सोचनीय पहलू है और चोरियों के पीछे कस्बों में पसरे अंधेरे का हाथ भी साफ दिखाई दे रहा है।
दुकानों की सुरक्षा खतरे में
उपमंडल के जिन प्रमुख कस्बों में बिजली गुल रहती है उनमें बस्सी, भोरंज, तरक्वाड़ी, भरेड़ी, जाहू, सुलगवान, मुंडखर, लदरौर, पट्टा व कैहरवीं इत्यादि कस्बे शामिल हैं। इक्का-दुक्का दुकानदार कस्बे में अपनी दुकान के बाहर मात्र अपनी दुकान की सुरक्षा के मद्देनजर एकाध बल्ब तो लगा देते हैं लेकिन एक दुकानदार की पहल से पूरे कस्बे का अंधेरा कैसे खत्म होगा। ऐसा ही आलम साथ लगते कस्बे तरक्वाड़ी व जाहू का है। इन कस्बों में लगी 1-2 सोलर लाइटें भी बड़े ही कम अरसे में खराब हो चुकी हैं।
लाइटों पर सवालिया निशान
इधर हिम ऊर्जा विभाग द्वारा कस्बों को रोशन करने के लिए बी.डी.सी. जिला परिषद, एम.एल.ए. या फिर एम.पी. हैड से सौर लाइटें तो लगीं लेकिन इन लाइटों की गुणवत्ता पर जनता ने गोलमाल की आशंका जाहिर करते हुए सवालिया निशान खड़े किए हैं। हिम ऊर्जा विभाग के माध्यम से कई कस्बों में 1-2 लाइटें बेशक लगाई गई हैं लेकिन कस्बों में अधिकतर सौर लाइटें या तो खराब पड़ी हैं या फिर इनकी बैटरियों पर चोर हाथ साफ कर गए। परिणामस्वरूप सौर लाइटें शोपीस बनी हुई हैं। शिकायतों के बावजूद आज दिन तक ये लाइटें ठीक नहीं हो पाई हैं।