Edited By Punjab Kesari, Updated: 10 Dec, 2017 01:38 PM
चंबा में रावी नदी के वजूद को खतरा पैदा हो गया है। विकास की बलिवेदी पर रावी नदी के 11 किलोमीटर भाग को पूरी तरह से सूखा कर दिया गया है। ऐसे में ना सिर्फ रावी नदी के इतने बड़े भाग में रहने वाले जल जीवन के वजूद को खतरा पैदा हो गया है बल्कि इस व्यवस्था...
चंबा (विनोद): चंबा में रावी नदी के वजूद को खतरा पैदा हो गया है। विकास की बलिवेदी पर रावी नदी के 11 किलोमीटर भाग को पूरी तरह से सूखा कर दिया गया है। ऐसे में ना सिर्फ रावी नदी के इतने बड़े भाग में रहने वाले जल जीवन के वजूद को खतरा पैदा हो गया है बल्कि इस व्यवस्था पर भी एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लग गया है। यह ना सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण नदी मानी जाती है बल्कि यह बड़ा भंगाल से निकलकर पंजाब से होती हुई पाकिस्तान जाकर निकलती है। ऐसे में उस व्यवस्था पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह उठ खड़ा हुआ है, जिसमें चमेरा चरण 2 परियोजना द्वारा रावी नदी पर बांध बनाने के बाद पानी की एक बूंद भी नहीं छोड़ने की कोई शर्त शामिल नहीं कही गई है।
पर्यावरण को लेकर नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल बेहद सक्रिय
इन दिनों पर्यावरण को लेकर नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल बेहद सक्रिय है। अगर किन्हीं माध्यमों से यह मामला उसके ध्यान में लाया जाता है तो निश्चित तौर पर रावी नदी के सूखे पड़े इतने बड़े भाग में फिर से पानी बहना शुरू हो सकता है। डीसी चंबा सुदेश मौख्टा का कहना है कि मेरा चरण 2 जल विद्युत परियोजना निर्माण के बाद रावी नदी का यह इतना बड़ा भाग पानी को तरस रहा है। क्योंकि उक्त परियोजना के बाद से इस नदी को पानी नहीं छोड़ा जाता है। ऐसे में लोगों की मांग, उनकी भावनाओं को देखते हुए तथा पर्यावरण को मद्देनजर रखते हुए जिला प्रशासन को मेरा चरण 2 परियोजना के मुख्य बांध गेट से कम से कम 15% पानी रावी में छोड़ने का पूरा मसौदा तैयार करके सरकार को भेजने जा रहा है।