Edited By Punjab Kesari, Updated: 12 Aug, 2017 04:23 PM
हिमाचल के सोलन शहर में कई ऐसे भवन हैं, जो तेज आंधी-तूफान या भारी बारिश से पलभर में ताश के पत्तों की तरह ढह जाएंगे लेकिन ऐसे ही भवनों में कई लोग जान जोखिम में डाल कर रह रहे हैं।
सोलन (चिनमय कौशल): हिमाचल के सोलन शहर में कई ऐसे भवन हैं, जो तेज आंधी-तूफान या भारी बारिश से पलभर में ताश के पत्तों की तरह ढह जाएंगे लेकिन ऐसे ही भवनों में कई लोग जान जोखिम में डाल कर रह रहे हैं। हैरानी की बात है कि जिला प्रशासन सोलन ऐसे भवनों की मौजूदगी के बाद भी क्षेत्र को असुरक्षित भवनों से मुक्त बता रहा है। प्रशासन का कहना है कि शहर में जो पुराने और असुरक्षित भवन थे लोगों ने उन्हें तोड़कर अब नए घर बना लिए हैं। शहर अब असुरक्षित भवनों से मुक्त है। हालांकि सच्चाई कुछ और ही है। जिला मुख्यालय के आसपास भीड़ वाले इलाके में ऐसे कई भवन हैं, जो अब भी असुरक्षित हैं। यह कभी भी तेज हवाओं और बारिश की भेंट चढ़ सकते हैं।
ठियोग हादसे के बाद भी जिला प्रशासन सतर्क नहीं
ठियोग के हाटकोटी मंदिर के समीप हुए हादसे के बाद भी जिला प्रशासन सोलन सतर्क नहीं हुआ है। इस बारे में जब नगर परिषद के अध्यक्ष दवेंद्र ठाकुर से पुछा गया तो उन्होंने पल्ला झाड़ते हुए यही दलील दी कि जो भवन सोलन में असुरक्षित है उन भवनों में ज्यादातर किराएदार बैठे हैं और कम किराए की वजह से भवनों को खाली नहीं कर रहे हैं। कईयों के मामले न्यायलय में विचाराधीन हैं। इसलिए उन्हें खाली नहीं करवाया जा सकता है एेसे में अगर इन भवनों में कोई दुर्घटना घटती है तो उसका जिम्मेवार भवन का मालिक होगा। अब देखना यह होगा कि कब कोट का फैसला आएगा और कब नगर परिषद इन भवनों को हटाने में कामयाब होगी।