Edited By Punjab Kesari, Updated: 02 Mar, 2018 11:02 AM
वर्ष 1999 से तत्कालीन प्रदेश भाजपा सरकार के समय से प्रस्तावित हमीरपुर-मंडी नैशनल हाईवे का काम शुरू हो गया है। प्रारंभिक चरण में इसका सर्वे पूरा हो चुका है तथा अब भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया का कार्य भी जल्द शुरू होने वाला है। 124 किलोमीटर लंबे इस...
हमीरपुर: वर्ष 1999 से तत्कालीन प्रदेश भाजपा सरकार के समय से प्रस्तावित हमीरपुर-मंडी नैशनल हाईवे का काम शुरू हो गया है। प्रारंभिक चरण में इसका सर्वे पूरा हो चुका है तथा अब भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया का कार्य भी जल्द शुरू होने वाला है। 124 किलोमीटर लंबे इस हमीरपुर-मंडी सड़क मार्ग को नैशनल हाईवे बनाने की डी.पी.आर. तैयार हो गई है। वर्ल्ड बैंक की सहायता से इस पर अनुमानित 800 करोड़ रुपए खर्च होने हैं। इस नैशनल हाईवे के बनने से यह मार्ग भारत-पाकिस्तान को भी आपस में जोड़ेगा।
भाजपा के इस ड्रीम प्रोजैक्ट का देश की सुरक्षा के मद्देनजर सामरिक दृष्टि से भी अहम रोल रहेगा। जानकारी के अनुसार हमीरपुर के कोट कस्बे तक इसका काम पूरा हो चुका है तथा अब इसके आगे नैशनल हाईवे निर्माण प्रक्रिया भी शुरू होने वाली है। इस नैशनल हाईवे पर हमीरपुर से मंडी तक 6 पुलों व 487 पुलियों का निर्माण किया जाएगा। सतयार खड्ड पर ही पारछू-1 व पारछू-2 पुलों का निर्माण किया जाएगा। सर्वे के बाद इस नैशनल हाईवे का हमीरपुर के पंजोत, अवाहदेवी, चोलथरा व बरोटी कस्बों के अलावा मंडी शहर के किनारे से डायवर्ट कर निर्माण किया जाएगा तथा इन 4 स्थानों पर बाईपास का निर्माण किया जाएगा।
अटारी बॉर्डर से लेह तक जाएगा नैशनल हाईवे
जानकारी के अनुसार अटारी बॉर्डर से अमृतसर, होशियारपुर, नादौन, हमीरपुर, अवाहदेवी, धर्मपुर, मंडी व मनाली होते हुए यह नैशनल हाईवे लेह तक बनेगा, जिसे एन.एच.-03 का नाम दिया गया है।