आयुर्वैदिक अस्पताल का कारनामा, कचरे में जलाया बायो वेस्ट

Edited By Punjab Kesari, Updated: 25 Oct, 2017 12:24 AM

the deed of ayurvedic hospital bio waste burned in the garbage

अस्पताल में बायो वेस्ट के  निदान के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।

हमीरपुर: अस्पताल में बायो वेस्ट के  निदान के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। बात हमीरपुर जिला के आयुर्वैदिक अस्पताल की है जहां पर बायो वेस्ट के सही से निदान न करने के बारे में पहले भी समाचार छापा गया है परंतु फिर भी अस्पताल प्रशासन द्वारा लापरवाही बरती जा रही है। आयुर्वैदिक अस्पताल के पीछे की जगह में दवाइयों को जलाया गया है, जिनमें ग्लूकोज की बोतलें व सिपरेट की बोतल को भी फैंका गया है जबकि इन सबके निदान के लिए स्वास्थ्य विभाग में विशेष प्रावधान किए जाते हैं। दवाइयों की एक्सपायरी डेट बीत जाने पर भी उन्हें जलाया नहीं जाता परंतु आयुर्वैदिक अस्पताल में इस तरह की लापरवाही बरती जा रही है, जोकि एक हैरान कर देने वाली बात है। 

अस्पताल की भूमि में नहीं जला सकते कचरा
अस्पताल की भूमि सरकारी भूमि है, जहां पर बिना अनुमति के कचरा इत्यादि नहीं जलाया जा सकता। जलाए गए कचरे में ग्लूकोज और सिपरेट की बोतल भी फैंकी गई थी जोकि किसी मैडीकल स्टोर में नहीं मिलती। यह केवल सरकारी अस्पतालों में ही आती है। पर्यावरण में इस तरह का प्रदूषण फैलाने की जवाबदेही अस्पताल प्रशासन की है। अस्पताल में क्या हो रहा है, इसकी जानकारी अस्पताल क ा कार्यभार संभालने वाले अधिकारी को होना जरूरी है।

अस्पताल प्रशासन ने नहीं जलाया बायो वेस्ट
वहीं आयुर्वैदिक अस्पताल हमीरपुर के चिकित्सा अधीक्षक रामलोक राव का कहना है कि अस्पताल प्रशासन द्वारा किसी भी तरह की दवाइयों को नहीं जलाया गया है। अस्पताल से निकलने वाले बायो वेस्ट को हर हफ्ते कांगड़ा से आए हुए बायो वेस्ट की निदान टीम को दिया जाता है। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!