Edited By Punjab Kesari, Updated: 07 Jul, 2017 12:36 AM
हिमाचल में मनरेगा कार्यों के विकास और गुणवत्ता बनाए रखने के उद्देश्य से पंचायती राज विभाग द्वारा अलग से तकनीकी शाखा खोलने पर विचार किया जा रहा है।
शिमला: हिमाचल में मनरेगा कार्यों के विकास और गुणवत्ता बनाए रखने के उद्देश्य से पंचायती राज विभाग द्वारा अलग से तकनीकी शाखा खोलने पर विचार किया जा रहा है। यह बात पंचायती राज मंत्री अनिल शर्मा ने ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार व विभाग के संयुक्त तत्वावधान में राज्य अतिथि गृह पीटरहॉफ में आयोजित इंटर स्टेट एक्सचेंज प्रोग्राम के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेसहारा पशुओं की समस्याओं को देखते हुए चारा उत्पादन के क्षेत्र में मनरेगा के तहत एक योजना केंद्र के लिए प्रस्तावित की जाएगी।
मनरेगा कार्यों का निरीक्षण करना कार्यक्रम का उद्देश्य
प्रधान सचिव ओंकार शर्मा ने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य मनरेगा के तहत किए जा रहे कार्यों का निरीक्षण, कामगारों से वार्तालाप, पंचायती राज प्रतिनिधियों से चर्चा तथा सरकार द्वारा मनरेगा कार्यान्वयन में अपनाए जा रहे सुयोग्य कार्यों का अध्ययन करना है। समारोह में अन्य जिलों के जिलाधीश व ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारी भी उपस्थित थे। निदेशक एवं पदेन सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग आर.सेल्वम ने प्रदेश में मनरेगा के कार्यों के संबंध में विस्तृत प्रस्तुति दी।
8 जिलों का किया दौरा
3 से 5 जुलाई तक 7 राज्यों से आए प्रतिनिधियों एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के अधिकारियों ने ऊना, हमीरपुर, कुल्लू, मंडी, बिलासपुर, सिरमौर, सोलन और शिमला सहित 8 जिलों का दौरा कर मनरेगा से जुड़े कार्यों का सघन अध्ययन किया। उत्तराखंड, असम, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, मेघालय, नागालैंड व झारखंड के अतिरिक्त ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार के लगभग 35 अधिकारियों ने प्रदेश में मनरेगा कार्यों का जायजा लिया।