Edited By Updated: 26 Apr, 2017 01:26 AM
सरकार ने अध्यापक वर्ग को अगर 2003 की नई पैंशन पॉलिसी से बाहर निकालकर पुरानी पॉलिसी के दायरे में नहीं लाया तो यह वर्ग अपने भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।
चम्बा: सरकार ने अध्यापक वर्ग को अगर 2003 की नई पैंशन पॉलिसी से बाहर निकालकर पुरानी पॉलिसी के दायरे में नहीं लाया तो यह वर्ग अपने भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा। मंगलवार को हिमाचल प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर जिला चम्बा में इस वर्ग ने खंड स्तर पर मौजूद बी.पी.ओ. कार्यालयों के बाहर अपने सांकेतिक धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम को अंजाम देते हुए यह बात कही। अध्यापक वर्ग का कहना है कि सरकार एक तरफ तो खुद को कर्मचारी हितैषी बताती है तो दूसरी तरफ वर्षों से चली आ रही अध्यापक वर्ग की इस मांग को पूरा करने में वह रुचि नहीं दिखा रही है। परिणामस्वरूप इस अध्यापक वर्ग के सब्र का पैमाना अब भरने लगा है।
15 शिक्षा खंडों के बाहर दिया धरना
मंगलवार को हिमाचल प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने जिला चम्बा में मौजूद सभी 15 शिक्षा खंडों के बाहर सांकेतिक धरना-प्रदर्शन करते हुए वहां तैनात बी.पी.ओ. के माध्यम से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को अपना मांग पत्र भेजा। जिला चम्बा के शिक्षा खंड चम्बा, हरदासपुरा, मैहला-1, मैहला-2, गरोला, भरमौर, कियाणी, सुंडला, कल्हेल, तीसा, सलूणी, बनीखेत, चुवाड़ी, सिहुंता व पांगी में अपने इस धरने-प्रदर्शन कार्यक्रम को अंजाम दिया।