Edited By Updated: 23 Feb, 2017 04:36 PM
बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने के एक मामले में अनुराग...
शिमला/धर्मशाला(विकास/जिनेश): बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर को बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने के एक मामले में अनुराग ठाकुर समेत 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की याचिका रद्द कर दी है। एफआईआर दर्ज करने के प्रदेश सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने गैर कानूनी करार दिया और मामला रद्द करने के आदेश दिए। हाईकोर्ट ने भी अनुराग ठाकुर के हक में फैसला दिया था जिसके बाद इस फैसले को प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती थी।
क्या है मामला
एचपीसीए स्टेडियम के गेट नंबर एक के साथ लगती भूमि पर शिक्षा विभाग का दो मंजिला रिहायशी भवन था। भवन का निर्माण 720 वर्ग मीटर में हुआ था। यहां कॉलेज प्राध्यापकों की रिहायशी के लिए टाइप-4 सेट बने हुए थे। पहले भूमि शिक्षा विभाग के नाम थी। आरोप है कि बाद में इस खेल विभाग को सौंपा गया। भूमि लीज पर भी नहीं है। इस मामले में एक फाइल भी गुम हई है। आरोप है कि स्टेडियम के निर्माण के दौरान बिना किसी अनुमति भवन को गिराया गया था। कांग्रेस चार्जशीट में इस मामले का उठाया गया था। विजिलेंस ने इस मामले पर धर्मशाला में 447,120 बी और पीडीपी एक्ट 13 (2) के तहत मामला दर्ज किया था।
कौन-कौन थे आरोपी
सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने के इस मामले में एचपीसीए अध्यक्ष अनुराग ठाकुर, पूर्व डीसी कागड़ा केके पंत, पूर्व प्रिसिंपल ललित मोहन शर्मा, धर्मशाला कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य नरेंद्र अवस्थी, पूर्व एक्सईएन देवी चंद चौहान, पूर्व एसडीओ एमएस कटोच, एचपीसीए पीआरओ संजय शर्मा, अतर नेगी और गौतम ठाकुर का नाम शामिल था।