Edited By Punjab Kesari, Updated: 22 Mar, 2018 12:12 AM
हिमाचल प्रदेश कांगड़ा को-ऑप्रेटिव बैंक के चेयरमैन पद को लेकर भाजपा व कांग्रेस में छिड़ी जंग के जल्द खत्म होने के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं।
शिमला: हिमाचल प्रदेश कांगड़ा को-ऑप्रेटिव बैंक के चेयरमैन पद को लेकर भाजपा व कांग्रेस में छिड़ी जंग के जल्द खत्म होने के आसार दिखाई नहीं दे रहे हैं। इसी कड़ी में अब कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू भी चेयरमैन पद की लड़ाई में कूद गए हैं। उन्होंने कांग्रेस सरकार में नियुक्त चेयरमैन जगदीश सिपहिया को पार्टी का समर्थन दिया है। बकौल सुक्खू का कहना है कि सिपहिया का स्टैंड सही है। उन्होंने कहा कि बिना उम्मीदवार घोषित किए भाजपा उनसे नैतिकता के आधार पर इस्तीफा मांग ही नहीं सकती। चूंकि न केवल उनके पास बहुमत है, बल्कि वह बैंक और प्रदेश हित में सराहनीय कार्य कर रहे हैं।
बैंक निदेशकों के समर्थन के बिना पद से जबरन नहीं हटा सकती सरकार
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के अनुसार नए चेयरमैन का नाम घोषित होने से पहले उनका पद छोडऩा बैंक हित में नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बैंक निदेशकों के समर्थन के बिना उन्हें पद से जबरन नहीं हटा सकती। सिपहिया के पास निदेशकों का पूरा समर्थन है। भाजपा को अपना उम्मीदवार घोषित कर निदेशकों का समर्थन जुटाकर बहुमत साबित करना चाहिए, इससे वास्तविक स्थिति सामने आ जाएगी। सुक्खू ने कहा कि सिपहिया दिन-रात मेहनत कर कांगड़ा बैंक की कार्यप्रणाली को पटरी पर लाए हैं। बैंक का विस्तार करने के साथ ही नई भर्ती और कर्मचारियों को अनेक लाभ दिए गए हैं। सरकार चेयरमैन का चेहरा घोषित करे। सुक्खू के अनुसार यदि भाजपा का उम्मीदवार बैंक हित में कार्य करने वाला होगा तो सिपहिया पहले ही कह चुके हैं कि वह और उनके निदेशक उसे समर्थन देंगे।
पद का नहीं मोह, बैंक की चिंता के चलते लिया फैसला
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष सुक्खू ने कहा कि सिपहिया को पद का मोह नहीं है बल्कि बैंक की चिंता के चलते उन्होंने पद न छोडऩे का फैसला लिया है। इसका वह खुला समर्थन करते हैं।