अब इस तकनीक से उपचार करना सीखेंगे हिमाचल के विद्यार्थी, पढ़ें ये खबर

Edited By Punjab Kesari, Updated: 01 Oct, 2017 12:54 AM

students of himachal will now learn to treat from this technique read this news

राज्य औषधीय पादप बोर्ड हिमाचल प्रदेश के हर विस क्षेत्र में एक सरकारी स्कूल को गोद लेकर स्कूली बच्चों को उनके आसपास उगने वाली जड़ी-बूटियों और सुगंधित पौधों की उपयोगिता से रू-ब-रू करवाएगा।

गोहर: राज्य औषधीय पादप बोर्ड हिमाचल प्रदेश के हर विस क्षेत्र में एक सरकारी स्कूल को गोद लेकर स्कूली बच्चों को उनके आसपास उगने वाली जड़ी-बूटियों और सुगंधित पौधों की उपयोगिता से रू-ब-रू करवाएगा। बोर्ड ने प्रदेश में इस योजना को सिरे चढ़ाने के लिए 72 स्कूलों का चयन किया है। हर स्कूल में बोर्ड बच्चों को जड़ी-बूटियों और औषधीय पौधों की पहचान और इनके उपयोग के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाएगा। स्कूली बच्चों को दैनिक जीवन में औषधीय पौधों के महत्व, उपयोग और इसकी आर्थिक तकनीक की शिक्षा दी जाएगी, जिससे बच्चों को जंगलों में उगने वाली जड़ी-बूटियों की पहचान और इनसे अनेक बीमारियों के होने वाले घरेलू उपचार की भी जानकारी मिलेगी।

स्कूली बच्चों-किसानों को योजना बारे किया जा रहा जागरूक 
निदेशक आयुर्वेद विभाग शिमला डा. आर.के. प्रूथी ने कहा कि प्रदेश के स्कूलों में इस अभियान को युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है। आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान और आयुर्वैदिक अस्पतालों को भी इस अभियान से जोड़ा गया है जो स्कूली बच्चों और किसानों को इस योजना के बारे में जागरूक कर रहे हैं। स्कूलों के अलावा प्रदेश के 36 उपमंडलों को इस योजना में शामिल किया गया है, जहां प्रगतिशील किसानों के फार्मर कलस्टर बनाकर उन्हें बोर्ड जड़ी-बूटी और सुगंधित पौधों को देकर इनकी खेती के लिए प्रोत्साहित करेगा। बोर्ड ने फार्मर कलस्टर को जड़ी-बूटी और सुगंधित पौधों की खेती के लिए अनुदान का भी प्रावधान किया है, जिससे प्रदेश के हजारों किसान इस खेती का भरपूर लाभ उठा सकेंगे।  

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