मौत के खौफ के बीच पढ़ाई करने को मजबूर छात्र

Edited By Punjab Kesari, Updated: 24 Mar, 2018 12:30 PM

students forced to study between death threats

प्रदेश सरकार के सरकारी स्कूलों में बेहतर व आवश्यक सुविधाएं देने के चाहे जितने मर्जी दावे कर लें, हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है। धरातल पर सरकार के ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं। कई स्थानों पर तो छात्र मौत के खौफ  के बीच पढ़ाई करने को मजबूर हैं। ऐसा...

नेरवा : प्रदेश सरकार के सरकारी स्कूलों में बेहतर व आवश्यक सुविधाएं देने के चाहे जितने मर्जी दावे कर लें, हकीकत इसके बिल्कुल विपरीत है। धरातल पर सरकार के ये दावे खोखले साबित हो रहे हैं। कई स्थानों पर तो छात्र मौत के खौफ  के बीच पढ़ाई करने को मजबूर हैं। ऐसा ही एक स्कूल झिकनी पुल झलास में भी है। राजकीय प्राथमिक स्कूल झिकनी पुल झलास का भवन जर्जर अवस्था में है व गिरने की कगार पर है। लोक निर्माण विभाग इस स्कूल को करीब 4 साल पहले, 2014 में असुरक्षित होने संबंधित प्रमाण पत्र दे चुका है। जिससे से संबंधित सूचना व नए स्कूल भवन का प्राकलन शिक्षा निदेशालय को 16 नवम्बर, 2015 को भेजा जा चुका है। परंतु मामले से संबंधित फाइल निदेशालय में अढ़ाई वर्षों से धुल फांक रही है व स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने वाले 60 छात्र मौत के साये में पढ़ाई करने को मजबूर हैं।

स्कूल भवन की दीवारें बुरी तरह उखड़ चुकी
हैरानी इस बात की है कि जिस स्कूल भवन को लोक निर्माण विभाग करीब 4 साल पहले ही असुरक्षित घोषित कर चुका है, शिक्षा विभाग उसी स्कूल भवन में बच्चों की जान को खतरे में डाल कर पढ़ाई करवा रहा है। स्कूल के स्लेटपोश भवन की छत के स्लेट जगह से उखड़ चुके हैं, जिस वजह से बारिश के दौरान पूरी की पूरी छत टपकती रहती है व यह कभी भी गिर सख्ती है, जिस वजह से कभी भी कोई बड़ा हादसा छात्रों के साथ पेश आ सकता है। स्कूल भवन की दीवारें व फर्श भी बुरी तरह उखड़ चुका है। इस भवन की दीवारें भी गिरने के कगार पर हैं। अभिभावक प्रतिदिन अपने बच्चों को एक अनजाने से खौफ  के बीच स्कूल को रवाना करते हैं व शाम को जब उनके बच्चे सकुशल घर वापस लौट आते हैं तो सकून भरी सांस लेते हैं।

कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई 
चौपाल के युवा सामाजिक कार्यकर्ता विशाल चौहान ने शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज से आग्रह किया है कि जब तक स्कूल का नया भवन बनकर तैयार नहीं हो जाता तब तक छात्रों के कहीं और बैठने की व्यवस्था की जाए व निदेशालय में इससे संबंधित फाइल को दबाए रखने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाए। इस विषय में निदेशक प्राथमिक शिक्षा हिमाचल प्रदेश मनमोहन शर्मा से बार-बार संपर्क साधने का प्रयास किया गया, परंतु उनसे संपर्क नहीं हो पाया। उनके कार्यालय से बताया गया कि वह किसी काम से बाहर गए हैं। यह भी बताया गया कि झिक्नीपुल झलास स्कूल का मामला 3 दिन पहले ही निदेशालय में आया है। निदेशक ने स्कूल भवन को असुरक्षित घोषित कर प्राथमिकता के आधार पर नए भवन के निर्माण के निर्देश जारी कर दिए हैं।

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