हाई स्कूल का कारनामा, मोदी का कार्यक्रम देखने अस्तबल में बिठा दिए नौनिहाल

Edited By Punjab Kesari, Updated: 18 Feb, 2018 02:35 AM

student sit to see modi s program in stables

देश के करोड़ों नौनिहाल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रू-ब-रू हो रहे थे तो उसी समय कुल्लू में एक जाति विशेष के नौनिहाल जात-पात के नाम पर शोषण झेल रहे थे।

कुल्लू: देश के करोड़ों नौनिहाल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से रू-ब-रू हो रहे थे तो उसी समय कुल्लू में एक जाति विशेष के नौनिहाल जात-पात के नाम पर शोषण झेल रहे थे। 16 फरवरी को प्रधानमंत्री जब बच्चों को परीक्षाओं के दौरान तनाव से उबरने का मंत्र दे रहे थे और बच्चे प्रधानमंत्री से कई सवाल पूछ रहे थे, ठीक उसी समय कुल्लू में दलित समुदाय के बच्चों को बड़ा झटका लगा। कुल्लू जिला के एक हाई स्कूल के बच्चों की ओर से डी.सी. कुल्लू को लिखा गया एक शिकायत पत्र वायरल हो गया है। इस शिकायत पत्र में लिखा गया है कि स्कूल में प्रधानमंत्री और बच्चों से जुड़े इस कार्यक्रम को देखने के लिए टैलीविजन की व्यवस्था नहीं थी। इसलिए स्कूल की ओर से यह तय किया गया कि बच्चों को प्रधानमंत्री से जुड़े शिक्षा संवाद कार्यक्रम को स्कूल प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष के घर में दिखाया जाएगा।

घोड़े की लीद के बीच बिठाए जाति विशेष के बच्चे 
आरोप है कि स्कूल में शिक्षकों ने पहले ही बच्चों को कहा कि स्कूल प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष के घर में एक जाति विशेष के बच्चे घर से बाहर बैठेंगे और स्वर्ण जाति के बच्चे घर के भीतर बैठेंगे। जैसे ही प्रधानमंत्री से रू-ब-रू होने का वक्त आया तो सभी बच्चे स्कूल प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष के घर की ओर चल दिए। उसजाति विशेष के बच्चों को अध्यक्ष के घर के बाहर अस्तबल में घोड़े की लीद के बीच बैठाया गया जबकि अन्य बच्चे कमरे में चले गए। टैलीविजन को थोड़ा-सा अस्तबल की ओर घुमाया गया ताकि उक्त जाति विशेष के बच्चे टैलीविजन को देख सकें। जब तक प्रधानमंत्री देशभर के करोड़ों बच्चों से रू-ब-रू होते रहे तब तक उक्त जाति विशेष के बच्चों को घोड़ों की लीद के बीच बैठना पड़ा। इस दौरान कई बच्चों की वर्दी खराब हो गई और कइयों को चक्कर आ गए।

दोपहर के खाने में भी अलग बिठाए जाते हैं कुछ बच्चे
शिकायत पत्र में यह भी आरोप लगे हैं कि स्कूल में दोपहर के भोजन के दौरान भी एक जाति विशेष के बच्चों को अलग बैठाया जा रहा है। स्कूल के शिक्षक ही उस जाति विशेष  के बच्चों को अलग बैठने के लिए कहते हैं। इसको लेकर शिकायत पत्र में एक शिक्षक का नाम भी लिखा हुआ है। उधर, मामले में प्रशासन ने छानबीन शुरू कर दी है। 

सदमे से उभर नहीं पा रहे बच्चे
जात-पात के नाम पर भेदभाव के इस खुलासे ने लोगों को हिलाकर रख दिया है। एक ओर देश विभिन्न ग्रहों पर दुनिया बसाने की रूपरेखा बना रहा है तो दूसरी ओर समाज को सुशिक्षित करने का जिम्मा उठाए लोग जात-पात के नाम पर समाज को बांट रहे हैं। बच्चों के साथ ऐसे व्यवहार ने बच्चों के मानसिक पटल पर कई सवाल छोड़ दिए हैं। इस घटना का शिकार हुए बच्चे इस सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं।

इस बिंदू पर भी फंस रहा स्कूल स्टाफ
सवाल उठ रहे हैं कि यदि स्कूल में टैलीविजन और केबल कनैक्शन व डिश टी.वी. नहीं थे तो स्कूल में इसकी व्यवस्था क्यों नहीं की गई। कुछ समय के लिए स्कूल में टैलीविजन लाकर बच्चों को स्कूल में ही शिक्षा संवाद कार्यक्रम दिखाया जा सकता था। इस बिंदू पर भी स्कूल स्टाफ फंस रहा है कि जब उपनिदेशक ने सभी स्कूल मुखियों को आदेश दिए थे कि स्कूल में ही किराए पर टैलीविजन की व्यवस्था की जाए तो संबंधित स्कूल में ऐसा क्यों नहीं किया गया। 

जांच के लिए भेजेंगे अधिकारियों की टीम
एस.डी.एम. अक्षय सूद ने कहा कि इस शिकायत पत्र में कितनी सच्चाई है, इसका पता लगाया जाएगा। मामले में बारीकी से छानबीन की जाएगी और जिन लोगों ने बच्चों के साथ ऐसा व्यवहार किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच के लिए अधिकारियों की एक टीम को स्कूल भेजा जाएगा।

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