ST Commission ने लाठीचार्ज पर लिया कड़ा संज्ञान, चीफ, होम सैक्रेटरी व DGP तलब

Edited By Punjab Kesari, Updated: 18 Aug, 2017 11:30 PM

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गद्दी समुदाय के ऊपर हुए लाठीचार्ज मामले में शुक्रवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने घटना स्थल का जायजा लिया।

धर्मशाला: गद्दी समुदाय के ऊपर हुए लाठीचार्ज मामले में शुक्रवार को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने घटना स्थल का जायजा लिया। इस दौरान आयोग के चेयरपर्सन नन्द कुमार राय व उनके साथ आई 4 सदस्यीय टीम ने लाठीचार्ज में घायल हुए गद्दी समुदाय के लोगों का पक्ष सर्किट हाऊस में रिकॉर्ड किया। गद्दी समुदाय के लोगों का पक्ष जानने के बाद आयोग के चेयरपर्सन ने शनिवार को इस घटना में सरकार का पक्ष रखने के लिए प्रदेश सरकार के चीफ सैक्रेटरी, होम सैक्रेटरी व डी.जी.पी. को धर्मशाला में तलब किया है। आयोग ने इस पूरी घटना की कड़ी निंदा की है। चेयरपर्सन नन्द कुमार राय ने कहा कि जनजाति समुदाय के लोगों पर जिन शब्दों का प्रयोग किया, वह निंदनीय है और उसके बाद शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे निहत्थे लोगों पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं। यह लाठीचार्ज नहीं, सुनियोजित हमला था। सत्ता में बैठे लोग क्या हिमाचल जैसे शांत प्रदेश को सीरिया और ईराक बनाना चाहते हैं। 

लाठीचार्ज नहीं निहत्थे लोगों पर हमला
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी अभिव्यक्ति व्यक्त करने की आजादी है लेकिन जिस तरह पहले गद्दी समुदाय पर बयानबाजी की गई और बाद में लाठीचार्ज किया गया, वह निंदनीय है। उन्होंने कहा कि आयोग ऐसा कदम उठाएगा, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और शासन व प्रशासन जनजाति के लोगों की आवाज को दबाने का प्रयास न करे। आयोग इस संबंध में गंभीर है। उन्होंने कहा कि मैंने घटना स्थल का दौरा कर समाज के पीड़ित लोगों से तथ्य जानने का प्रयास किया, उससे नहीं लगता है कि यह लाठीचार्ज है, यह तो एक निहत्थे लोगों पर हमला किया गया है और ऐसे दोषी अधिकारियों व कर्मियों पर कानून को सख्त कार्रवाई अमल में लानी चाहिए। 

लाठीचार्ज करने के निर्धारित हैं नियम 
उन्होंने कहा कि लाठीचार्ज करने के नियम निर्धारित हैं। किसी भी तरह के समूह द्वारा प्रदर्शन द्वारा अगर वह समूह नियंत्रण से बाहर हो जाए तो उन पर पहले चेतावनी के तौर पर पानी की बौछार करनी होती है, उसके बाद भी भीड़ नियंत्रित न हो तो आंसू गैस का प्रयोग किया जाता है और फिर भी भीड़ न माने तो पुलिस पीछे से टांगों पर वार करती है। पीड़ित लोगों ने बताया कि घटना स्थल पर बिना नंबर के वाहन व सादे कपड़ों में पुलिस कर्मी भारी संख्या में तैनात किए गए थे। नंद लाल ने कहा कि इन्हीं तथ्यों के आधार पर मैं यह कह सकता हूं कि यह एक हमला है और दोषियों पर कार्रवाई हो। 

लोगों को सुरक्षा मुहैया करवाए सरकार व प्रशासन
प्रदेश सरकार व पुलिस प्रशासन को चाहिए कि इस समाज के लोगों को भयमुक्त कर उन्हें सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। आयोग शनिवार को प्रदेश के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक व गृह सचिव के साथ बैठक कर उनसे इस घटनाक्रम पर सरकार व पुलिस प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी लेने के बाद ही अपनी रिपोर्ट व संस्तुति प्रस्तुत करेगा। इसी मुद्दे पर 20 अगस्त को अनुसूचित जनजाति के राष्ट्रीय अध्यक्ष राम विचार नेताम शाहपुर में बैठक करेंगे।

वन मंत्री को करवाया इंताजार 
उधर, एस.टी. आयोग के चेयरपर्सन नंद लाल से समर्थकों के साथ मिलने आए वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी को कमीशन ने शुक्रवार देर रात तक मिलने के लिए नहीं बुलाया। आयोग के रवैये से नाराज वन मंत्री ने कमीशन के खिलाफ  खूब भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि उन्होंने आयोग से रात 8 बजे मिलने का समय लिया था, जिसमें लाठीचार्ज मामले पर चर्चा की थी। रात 8 बजे जब उन्होंने ए.डी.सी. के माध्यम अनुमति लेने का प्रयास किया तो उन्होंने 4 बार इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा के चंद लोगों की ही बात सुनने के लिए आयोग यहां आया हुआ है। वहीं उन्होंने किशन कपूर और एस.टी. मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष त्रिलोक कपूर पर आरोप लगाया कि वे आयोग की टीम को भड़का रहे हैं।

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