Edited By Updated: 28 Oct, 2016 05:02 PM
प्लेन में भूखे सैनिकों को खाना खिलाने की एक फेसबुक पोस्ट वायरल हो रही है। इस पोस्ट में कहा गया है कि प्लेन में एक शख्स ने भूखे फौजियों को खाना खिलाया और उनके...
शिमलाः प्लेन में भूखे सैनिकों को खाना खिलाने की एक फेसबुक पोस्ट वायरल हो रही है। इस पोस्ट में कहा गया है कि प्लेन में एक शख्स ने भूखे फौजियों को खाना खिलाया और उनके इस काम में अन्य पैसेंजर्स ने भी हिस्सा डाला। इस खबर का हिमाचल कनेक्शन भी है। जिस सरबजीत सिंह बॉबी के फेसबुक आईडी से पोस्ट शेयर की गई है वो शिमला के रहने वाले हैं और लंबे समय से समाज सेवा से जुड़े हैं।
भूखे फौजियों को खाना खिलाने की बात की सच्चाई जानने के लिए 'पंजाब केसरी' ने जब शिमला के रहने वाले सरबजीत सिंह बॉबी से संपर्क किया तो उन्होंने सारी सच्चाई बताई। सरबजीत सिंह ने बताया कि उन्होंने किसी भी प्लेन में फौजियों को खाना नहीं खिलाया बल्कि उन्होंने किसी को पोस्ट को सोशल मीडिया पर शेयर किया।
उन्होंने 'पंजाब केसरी' को बताया कि वे एक सोशल वर्कर हैं उनकी संस्था शिमला में लोगों की हेल्प करती रहती है लेकिन उन्होंने प्लेन में फौजियों को खाना नहीं खिलाया। ऐसे में अब यह सवाल उठने लगे हैं कि क्या पोस्ट फर्जी थी। बहरहाल इस पोस्ट की सच्चाई का तो अभी तक पता नहीं चल पाया है कि यह सच है या झूठ लेकिन इतनी तय हो गया है कि भूखे फौजियों को खाना खिलाने का श्रेय जिस शिमला के सरबजीत को दिया जा रहा था उन्होंने यह काम नहीं किया है।
ये पोस्ट हुई वायरल
मैं फ्लाइट से दिल्ली आ रहा था। अपनी सीट पर बैठे किताब के पन्ने पलट रहा था। तभी आर्मी के कुछ जवान मेरे आसपास की सीटों पर आकर बैठे। मेरी उनसे बात करने की इच्चा हुई। मैंने अपने बगल की सीट पर बैठे नौजवान फ़ौजी से पूछा “आगरा! वहां हमारी दो हफ्ते की स्पेशल ट्रेनिंग है जिसके बाद हमें फ़ौजी अभियान पर भेज दिया जाएगा।” करीब एक घंटे की उड़ान के बाद घोषणा हुई कि नकद भुगतान करके खाने के पैकेट खरीदे जा सकते हैं। चूंकि दिल्ली पहुंचने में अभी वक़्त था इसलिए मैंने सोचा, थोड़ा वक़्त खाना खाकर ही क्यों न गुज़ार लूं? मैंने बटुआ निकालने के लिए जेब में हाथ डाला ही था कि तभी मेरे कानों में एक फ़ौजी की आवाज़ पड़ी। वो अपने साथी से पूछ रहा था कि खाने का क्या इरादा है? “नहीं, यहां बहुत महंगा होगा। शायद उतना अच्छा भी नहीं होगा। मैं तो दिल्ली जाकर ही खाऊंगा”– साथी ने जवाब दिया।
मैंने बाकी फौजियों की तरफ देखा। उनमें से कोई भी खाना नहीं खरीद रहा था। मैं उठकर जहाज़ के पिछले हिस्से में पहुंचा और फ्लाईट अटेंडेंट को पूरा भगतान करते हुए आग्रह किया कि वो उन सब फौजियों को भी खाना दे दें। फ्लाईट अटेंडेंट ने कसकर मेरा हाथ पकड़ लिया। उनकी आंखें भर आईं। मुझे धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा, “मेरा छोटा भाई कारगिल में लड़ा था, ऐसा लग रहा है जैसे ये सब आप उसी के लिए कर रहे हैं।” उन्होंने खाने के पैकेट लिए और तेजी से उस तरफ चली गईं जहां वो सब फ़ौजी बैठे थे। सरबजीत सिंह ने यह पोस्ट अपनी पेज पर शेयर की है जिसे अब तक 20 हजार से ज्यादा लोग देख चुके हैं, इतना ही नहीं हजारों लोगों ने इसे शेयर भी किया है।