Social Media और प्रदर्शनों में गुड़िया की फोटो इस्तेमाल करने पर होगी जेल

Edited By Punjab Kesari, Updated: 23 Jul, 2017 12:08 PM

social media and demonstration in the gudiya photo use on doing will be jail

गुड़िया गैंगरेप हत्याकांड को लेकर पूरे राज्य में आक्रोश है।

शिमला: गुड़िया गैंगरेप हत्याकांड को लेकर पूरे राज्य में आक्रोश है। भावनाओं में बहकर गुड़िया की फोटो का सोशल मीडिया और प्रदर्शनों में खुलेआम इस्तेमाल किया जा रहा है। यह पोक्सो एक्ट-23 (प्रिवेंशन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ओफेंसिज) और जेजे जुवेनायल जस्टिस एक्ट के तहत कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है। ऐसे में सोशल मीडिया और प्रदर्शनों के खिलाफ राज्य बाल संरक्षण आयोग कार्रवाई करने जा रहा है। गुड़िया की फोटो का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स और संगठनों पर आयोग खुद नजर रख रहा है। अगर उन्होंने फोटो का इस्तेमाल किया तो उन्हें 6 महीने की सजा हो सकती है। आयोग ने पुलिस अधीक्षक शिमला को भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। बताया जाता है कि अब आयोग इस मामले पर हाईकोर्ट जाने की तैयारी में है। बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष किरण धांटा ने ऐसे सभी संगठनों और सोशल मीडिया यूजर्स से किसी भी स्थिति में फोटो का इस्तेमाल न करने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि यह कानून का उल्लंघन है। 


सोशल मीडिया अकाउंट से हटा दें फोटो
राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष और राज्य जुवेनाइल जस्टिस के सदस्य आशुतोष ने आम जनता, राजनीतिक दलों और संगठनों से अपील की है कि फोटो का इस्तेमाल प्रदर्शन और सोशल मीडिया में न करें। अगर किसी ने यह किया है तो उसे तुरंत वहां से हटा दें। ऐसा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।  


6 महीने से 2 साल की सजा का है नियम
आशुतोष ने कहा कि पोक्सो एक्ट की धारा 23 के तहत दुष्कर्म पीड़िता या उसके परिजनों की पहचान को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता है। इसमें 6 महीने तक की सजा हो सकती है। जुवेनायल जस्टिस एक्ट के तहत ऐसा करने पर 6 महीने से 2 साल तक सजा का नियम है। 
 


 

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