श्रावण अष्टमी मेलों में इतने जवानों पर होगा सुरक्षा का जिम्मा

Edited By Punjab Kesari, Updated: 23 Jun, 2017 10:30 PM

so many soldiers will be responsible for the safety in shravan ashtami fairs

श्री नयनादेवी श्रावण अष्टमी नवरात्र मेलों के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हों और सहजता से उन्हें मां नयनादेवी के दर्शन हों इसके लिए आवश्यक है....

बिलासपुर: श्री नयनादेवी श्रावण अष्टमी नवरात्र मेलों के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हों और सहजता से उन्हें मां नयनादेवी के दर्शन हों इसके लिए आवश्यक है कि जिला प्रशासन के साथ-साथ मंदिर अधिकारी तथा ड्यूटी पर लगाए गए कर्मचारी, न्यासी व स्वयंसेवी संस्थाएं पूर्ण तत्परता, सहयोग और श्रद्धा भाव से अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कार्य करें। ये दिशा-निर्देश डी.सी. एवं आयुक्त मंदिर न्यास श्री नयनादेवी जी ऋग्वेद ठाकुर ने शुक्रवार को उत्तरी भारत के प्रसिद्ध शक्तिपीठ श्री नयनादेवी जी में 24 जुलाई से 2 अगस्त तक आयोजित किए जाने वाले 10 दिवसीय श्रावण अष्टमी मेलों के सफल आयोजन के लिए श्री नयनादेवी स्थित मातृ आंचल में आयोजित प्रथम बैठक की अध्यक्षता करते हुए दिए। 

9 सैक्टरों में विभाजित होगा क्षेत्र
उन्होंने बताया कि मेलों के दौरान अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी को मेला अधिकारी, उपमंडलाधिकारी स्वारघाट को सहायक मेला अधिकारी तथा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को पुलिस मेला अधिकारी नियुक्त किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नयनादेवी के पूरे क्षेत्र को 9 सैक्टरों में विभाजित किया जाएगा तथा प्रत्येक सैक्टर में सैक्टर अधिकारी तैनात किए जाएंगे। मेले के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाएंगे तथा नागरिक सुरक्षा व यातायात सुचारू व सुनिश्चित करने के लिए 1000 से अधिक पुलिस, होमगार्ड व सेवादल के जवानों को सभी सैक्टरों में तैनात किया जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेले के दौरान टोबा, घवांडल, सिंह द्वार तथा बस अड्डे में पुलिस सहायता केंद्र स्थापित किए जाएंगे जो दिन-रात कार्य करेंगे। 

पैदल रास्ते पर चयनित स्थलों पर लगेंगी स्क्रीन्स  
मेले के दौरान किसी भी प्रकार की भगदड़ या अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाएंगे और बस स्टैंड से माता के दरबार तक पैदल रास्तों में कम से कम 5 या 6 बैरियर 100 से 150 मीटर पर स्थापित किए जाएंगे ताकि श्रद्धालुओं की भीड़ को रोका जा सके तथा भगदड़ भी न मचे। मां के दर्शनों के लिए आने वाले सभी श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर की गतिविधियों अथवा अनुष्ठानों की जानकारियां उपलब्ध करवाने के लिए बस अड्डे से मंदिर परिसर तक पैदल रास्ते पर चयनित स्थलों पर स्क्रीनें स्थापित की जाएंगी ताकि श्रद्धालु मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की घटती-बढ़ती तादाद को स्क्रीन के माध्यम से देखने के साथ-साथ श्रद्धा व धैर्य से माता के दर्शन कर गंतव्य की ओर बढ़ सकें।

मालवाहक वाहनों में यात्रियों के आने पर प्रतिबंध
यातायात व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए टोबा सीमा पर, घवांडल व रोप-वे के नजदीक टै्रफिक बैरियर स्थापित किए जाएंगे तथा मेले के दौरान ट्रक, ट्रैक्टर, टैंपो अथवा अन्य मालवाहक वाहनों में श्रद्धालुओं को लाने व ले जाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा और घवांडल से गुफा तक वाहन ले जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए हिमाचल पथ परिवहन निगम व पंजाब रोडवेज द्वारा स्पैशल बसें चलाई जाएंगी तथा श्रद्धालुओं को असुविधा न हो इसके लिए निजी बस आप्रेटर्ज को भी अस्थायी परमिट उपलब्ध करवाए जाएंगे। इसके अलावा छोटी व बड़ी गाडिय़ां चिन्हित पार्किंग स्थलों पर ही पार्क की जाएंगी। बैठक में डी.एस.पी. नयनादेवी को निर्देश दिए गए कि वह बस व टैक्सी आप्रेटर्ज से आगामी 15 दिनों के अंदर बैठक कर वाहनों की आवाजाही के लिए अनुमति व पार्किंग की व्यवस्था को देखते हुए अनुमति देने पर विचार करें ताकि मेले के दौरान श्रद्धालुओं को बस सुविधा भी मिले और यातायात भी अवरुद्ध न हो।

मेले में तैनात होंगे 5 रोगी वाहन
डी.सी. ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि मेला शुरू होने से पहले जीवन रक्षक व आपातकालीन स्थिति में दी जाने वाली दवाइयों का भंडारण सुनिश्चित कर लें। उन्होंने बताया कि मेले के दौरान आयुर्वैदिक डिस्पैंसरी, स्वास्थ्य केंद्र घवांडल, मातृ आंचल के पास, टोबा, मंडयाली उपस्वास्थ्य केंद्र, सिंह द्वार तथा मंदिर के मुख्य द्वार के पास स्थापित स्वास्थ्य सहायता केंद्र श्रद्धालुओं के लिए रात-दिन खुले रहेंगे तथा 5 रोगी वाहन दिन-रात मेले के दौरान तैनात रहेंगे। उन्होंने बताया कि आपात स्थिति से निपटने के लिए त्वरित आपदा प्रबंधन टीम का गठन किया जाएगा जो स्वास्थ्य टीम के साथ तालमेल बिठाकर मेले के दौरान 24 घंटे मुस्तैद रहेगी। मेले के दौरान हर सैक्टर में 1-1 स्ट्रेचर व कर्मी तैनात किए जाएंगे। 

100 अस्थायी सफाई कर्मी होंगे तैनात
मेले के दौरान सफाई व्यवस्था बनाए रखने के लिए व्यापक व विशेष प्रबंध किए जाएंगे तथा मौजूदा सफाई कर्मियों के अलावा अतिरिक्त 100 अस्थायी सफाई कर्मी भी तैनात किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान विभिन्न चिन्हित स्थलों पर अस्थायी शौचालयों की व्यवस्था की जाएगी ताकि इधर-उधर गंदगी न फैले। मेले के दौरान घवांडल से रोप-वे तक अस्थायी शौचालय व विद्युत व्यवस्था उपलब्ध करवाने के भी प्रबंध किए जाएंगे। उन्होंने मंदिर क्षेत्र के साथ लगती तीनों पंचायतों के पंचायत प्रतिनिधियों से मेले के दौरान अपने-अपने क्षेत्रों में उचित सफाई व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग का आह्वान किया। बैठक में कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद को निर्देश दिए कि वह असुरक्षित भवनों में श्रद्धालुओं को न ठहराएं और असुरक्षित भवनों को चिन्हित कर उनको गिराने के लिए मालिकों को दिशा-निर्देश देकर आगामी कार्रवाई अमल में लाएं। 

सी.सी.टी.वी. कैमरों की नजर में रहेंगे श्रद्धालु
बैठक में निर्णय लिया गया कि श्रद्धालुओं के समूह से अलग हुए लोगों की अनाऊंसमैंट व सहयोग के लिए 6 सूचना केंद्र टोबा, घवांडल, नया बस अड्डा, सिंह द्वार, नगर परिषद तथा गुफा में स्थापित कर अनाऊंसमैंट सिस्टम लगाया जाएगा। डी.सी. ने बताया कि मेले के दौरान मंदिर में सरकारी तंत्र को छोड़ कर माइक, ढोल, नगाड़ों तथा दुकानदारों द्वारा सी.डी. कैसेट बजाने के अतिरिक्त वैरायटी शो व गैम्बलिंग पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मेले के दौरान असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखने के लिए जगह-जगह सी.सी.टी.वी. कैमरे स्थापित किए जाएंगे ताकि मेले का आयोजन सुचारू व सफल बनाया जा सके तथा चोरी व डकैती की वारदातों पर भी निगरानी रखी जा सके। डी.सी. ने मेला ड्यूटी को नियुक्त किए गए सभी अधिकारियों, कर्मचारियों तथा पुलिस कर्मियों से 22 जुलाई तक अपनी-अपनी ड्यूटी पर पहुंचने के निर्देश दिए ताकि मेले का सफल आयोजन सुनिश्चित किया जा सके।

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