Edited By Punjab Kesari, Updated: 31 Dec, 2017 12:47 PM
स्लेटपोश मकान पर्यटकों की पहली पसंद बन रहे हैं। कंक्रीट के जंगलों में कई सैलानी ठहरना पसंद नहीं कर रहे हैं। कई बार सैलानी बेहद पुराने लकड़ी के मकानों की मांग कर रहे हैं। इसके पीछे पर्यटन कारोबारी तर्क दे रहे हैं कि बड़े शहरों में लोग कंक्रीट के...
कुल्लू (शम्भू प्रकाश): स्लेटपोश मकान पर्यटकों की पहली पसंद बन रहे हैं। कंक्रीट के जंगलों में कई सैलानी ठहरना पसंद नहीं कर रहे हैं। कई बार सैलानी बेहद पुराने लकड़ी के मकानों की मांग कर रहे हैं। इसके पीछे पर्यटन कारोबारी तर्क दे रहे हैं कि बड़े शहरों में लोग कंक्रीट के जंगलों में रहते हैं। कई बार सैलानी फिल्मों में या अन्य डाक्यूमैंटरी में ग्रामीण परिवेश को देखते हैं। स्लेटपोश मकानों में रहने की सैलानियों की इच्छा रहती है। कई सैलानी ऐसे भी होते हैं जो इस लकड़ी के मकानों में ठहरने के लिए ही खासतौर पर कुल्लू-मनाली सहित अन्य पर्यटन स्थलों का रुख कर रहे हैं। इस तरह की मांग को देखते हुए कई लोगों ने ऐसे मकानों का निर्माण कर रखा है और कई ऐसे मकान बना रहे हैं। खासतौर पर होम स्टे योजना के तहत सैलानियों को स्लेटपोश मकानों की ही तलाश रहती है।
पार्वती, ऊझी व बंजार घाटियों के अलावा अन्य कई इलाकों में विदेशी सैलानियों ने बगीचों में बने एकांत मकान किराए पर ले रखे हैं। ये मकान ऐसे हैं जहां इनके मालिक सिर्फ दिन के समय में ही आते-जाते हैं और औजार खाद आदि इन मकानों में रखते हैं। हालांकि विदेशी सैलानी इन मकानों का मुंह मांगा किराया अदा करते हैं। दरअसल भागदौड़ भरी जिंदगी और कंक्रीट के जंगलों में गुजर-बसर से ऊब चुके लोग ऐसे लकड़ी के मकानों में रहने के लिए आते हैं। तोष, कालगा, कसोल व रशोल सहित कई इलाकों में लकड़ी के मकानों की भरमार है और इनमें ठहरने के लिए बड़ी संख्या में सैलानी पहुंच रहे हैं। इतना ही नहीं कई होटलों में भी कैंप फायर या तंदूर आदि के लिए ऐसे शैड तैयार किए गए हैं जिनकी छत में सीलिंग तक नहीं है। सैलानी बिना सीलिंग की छत को काफी पसंद करते हैं।
बुकिंग के दौरान ऐसे मकानों की मांग
भुंतर से होटल कारोबारी राहुल सोलंकी, अंकुश, निदेश, कुलदीप, कसोल से हुकम, गिरिराज, सुशील, जगदीश, मनाली से इशान, देवेश, सुनील कुमार, महेंद्र और ब्रजेश ने बताया कि स्लेटपोश मकानों में ठहरना सैलानी काफी पसंद कर रहे हैं। कई ऑनलाइन बुकिंग के दौरान ही स्लेटपोश मकान की मांग कर रहे हैं। ऐसे मकानों के कमरों के ऊपरी हिस्से में लकड़ी के तख्ते होते हैं। कई मकानों में दीवारों में भी लकड़ी लगी होती है। इस तरह के मकानों की काफी मांग होने के कारण पर्यटन कारोबारी भी उसी के अनुरूप कमरों व भवनों को तैयार कर रहे हैं। खासतौर पर होम स्टे योजना के तहत ऐसे मकान सैलानियों को उपलब्ध हो जाते हैं।