Edited By Punjab Kesari, Updated: 30 Oct, 2017 09:08 PM
प्रदेश में इस समय सियासी पारा चरम पर है। चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सभी प्रत्याशी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। बात करें अगर शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट की तो यहां मुकाबला काफी दिलचस्प बना हुआ है। एक तरफ जहां सीएम वीरभद्र सिंह के पुत्र...
शिमला: प्रदेश में इस समय सियासी पारा चरम पर है। चुनाव में जीत हासिल करने के लिए सभी प्रत्याशी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। बात करें अगर शिमला ग्रामीण विधानसभा सीट की तो यहां मुकाबला काफी दिलचस्प बना हुआ है। एक तरफ जहां सीएम वीरभद्र सिंह के पुत्र विक्रमादित्य सिंह कांग्रेस की टिकट से पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं तो वहीं बीजेपी की ओर से बतौर उम्मीदवार विनोद शर्मा मैदान में हैं।
शिमला ग्रामीण विधानसभा में कांग्रेस भरपूर विकास के दावे कर रही है और विकास के मुद्दे पर ही चुनाव जीतने के दावे भी कर रही है। इसके विपरीत बीजेपी कांग्रेस के दावों पर सवाल उठाते हुए उन्हें झूठ का पुलिंदा बता रही है।
अब चुनावों में हार-जीत का फैसला तो जनता जनार्दन ने ही करना है और शिमला ग्रामीण से कौन जीता, कौन हारा, यह तो 18 दिसंबर को साफ हो ही जाएगा। लेकिन इतना तय है कि इस विधानसभा सीट पर सब की नजरें लगी रहेंगी।