Edited By Punjab Kesari, Updated: 08 Aug, 2017 11:07 AM
प्रदेश भाजपाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का खुद भाषा पर कोई नियंत्रण नहीं है।
ऊना/हमीरपुर: प्रदेश भाजपाध्यक्ष सतपाल सिंह सत्ती ने कहा है कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह का खुद भाषा पर कोई नियंत्रण नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री के वक्तव्यों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि दूसरों को नसीहत देने से पहले वह अपनी भाषा और आचरण को सुधारें। जो मुख्यमंत्री अपनी ही पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष पर टिप्पणियां कर सकता है, वह दूसरी पार्टियों के अध्यक्षों की कैसे कद्र करेगा। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सिंह कभी कांग्रेस अध्यक्ष को झाड़ू मारने वाला तो कभी कोई और संज्ञा देते हैं। उन्होंने कहा कि गुड़िया मामले पर बेतुके बयान देने वाले वीरभद्र दूसरों को नसीहत न दें। उन्होंने कहा कि सत्ता से विमुख होने जा रहे वीरभद्र के चेहरे पर परेशानी साफ झलक रही है। यही कारण है कि चुनाव से ठीक पहले जगह-जगह बेतुकी घोषणाएं कर रहे हैं। मुख्यमंत्री को पता है कि वह सत्ता में नहीं लौटेंगे। पूरे सिस्टम का वीरभद्र सरकार ने भट्ठा बैठा दिया है। चुनाव के अंतिम साल में ऐसे ऐलान कर मुख्यमंत्री वीरभद्र घटिया राजनीति पर उतर आए हैं। वह खुद को ही मुख्यमंत्री का कैंडीडेट घोषित करने में लगे हैं।
छटपटा रहे हैं वीरभद्र: अनुराग
उधर, सांसद अनुराग ठाकुर ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की न तो सरकार में कोई मंत्री सुनता है और न ही संगठन में कोई सुनता है जिसके चलते वह एक मछली की तरह बिन पानी के छटपटा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सी.ए.जी. के आंकड़ों को भी अब मुख्यमंत्री नहीं मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की हल्की बयानबाजी करना आदत बन गई है और वह गंभीर विषयों पर भी हल्की बात करते हैं लेकिन यह सचाई है कि वह प्रदेश को लाखों रुपए के कर्जे में डूबो दिया है। उन्होंने कहा कि अभी तो एक विभाग के आंकड़े सामने लाया हूं जब अन्य विभागों के आंकड़े सामने आएंगे तो मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह परेशान हो जाएंगे।