Edited By Punjab Kesari, Updated: 08 Dec, 2017 07:54 PM
विश्व मानचित्र पर अपनी खास पहचान के लिए प्रसिद्ध समुद्र तल से 13,050 फुट की ऊंचाई पर स्थित रोहतांग दर्रा पर्यटकों तथा स्थानीय लोगों के लिए 12 महीने खुला रहेगा....
मनाली: विश्व मानचित्र पर अपनी खास पहचान के लिए प्रसिद्ध समुद्र तल से 13,050 फुट की ऊंचाई पर स्थित रोहतांग दर्रा पर्यटकों तथा स्थानीय लोगों के लिए 12 महीने खुला रहेगा क्योंकि यहां जल्द ही रोहतांग रोप-वे का काम शुरू होने वाला है। रोहतांग जहां पहले पर्यटकों के लिए 6 महीने के लिए खुला रहता था। वहीं अब यह 12 महीने खुला रहेगा। दरअसल एन.जी.टी. ने रोहतांग दर्रे में रोप-वे बनाने को मंजूरी दे दी है और जल्द ही यहां रोप-वे बनेगा। लगभग 9 किलोमीटर लंबा रोप-वे बनने से पर्यटन को तो पंख लगेंगे ही, वहीं पर्यटकों को भी बेहतर सुविधा मिलेगी। इन दिनों पर्यटकों को रोहतांग में बर्फ के दीदार करने के लिए मनाली से रोहतांग तक 50 किलोमीटर का कष्टदायक सफर तय करना पड़ता है लेकिन रोप-वे के बनने से सैलानी 26 मिनट में दुनिया के सबसे ऊंचे दर्रे की कतार में शुमार और बर्फ से लकदक रहने वाले 13,050 फुट की ऊंचाई पर रोहतांग दर्रे का दीदार कर पाएंगे।
बर्फ के बीच मौज-मस्ती कर पाएंगे पर्यटक
इस रोप-वे की खास बात यह है कि पर्यटक सर्दियों में भी रोहतांग पहुंचकर बर्फ के बीच मौज-मस्ती कर सकेंगे। सर्दियों में भारी बर्फबारी के कारण रोहतांग दर्रा वाहनों व पर्यटकों की आवाजाही के लिए बिल्कुल बंद हो जाता है, ऐसे में रोप-वे एक ऐसा साधन होगा जिससे पर्यटक रोहतांग बहाल होने से पहले भी बर्फ के दीदार कर सकेंगे। दरअसल पर्यटक स्थल रोहतांग दर्रे पर पर्यावरण के मामले को गंभीरता से लेते हुए 20 नवम्बर को हुई सुनवाई में एन.जी.टी. ने पिछले 1 वर्ष से पंचायत की एन.ओ.सी. में अटके रोहतांग रोप-वे का रास्ता साफ कर दिया है।
प्रदेश सरकार जल्द शुरू करे काम : एन.जी.टी.
एन.जी.टी. ने आदेश दिए हैं कि पंचायत एन.ओ.सी. को दरकिनार कर हिमाचल सरकार जल्द काम शुरू करे। टाटा कंपनी के साथ मिलकर रोहतांग को रोप-वे से जोडऩे जा रही स्की हिमालय की मनाली रोप-वे प्राइवेट कंपनी औपचारिकताएं पूरी करने में जुटी हुई है। यह रोप-वे 3 पड़ाव में लगेगा। पहला कोठी से गुलाबा, दूसरा गुलाबा से मढ़ी और तीसरा मढ़ी से रोहतांग को रोप-वे से जोड़ेगा। पलचान-रोहतांग रोप-वे का एक तरफ का 9 किलोमीटर लम्बा सफर होगा। लगभग 450 करोड़ रुपए से बनने जा रहे इस रोप-वे का निर्माण कार्य 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा। रोहतांग दर्रे पर पर्यावरण के मामले को गंभीरता से लेते हुए एन.जी.टी. ने प्रदेश सरकार को रोहतांग पास तक रोप-वे बनाने के आदेश दिए हैं।