Edited By Punjab Kesari, Updated: 27 Jul, 2017 01:14 AM
कुल्लू में बरसात के चलते पहाडिय़ों से कई जगह चट्टानें खिसक रही हैं, जिससे खतरा बना हुआ है।
कुल्लू: कुल्लू में बरसात के चलते पहाडिय़ों से कई जगह चट्टानें खिसक रही हैं, जिससे खतरा बना हुआ है। मलाणा के समीप भी जरी-मलाणा सड़क पर पहाड़ी से चट्टानें खिसकने से एक कार दब गई। सौभाग्य से हादसे के दौरान कार में कोई नहीं था अन्यथा जान का भी नुक्सान हो जाता। कुल्लू में कई जगह पहाडिय़ां दरकने का खतरा बना हुआ है। बंजार की पलाहच पंचायत के गलवाहधार इलाके में भी भू-स्खलन के चलते लोग बाल-बाल बच गए। लोगों को दूसरे गांव में शरण लेनी पड़ी। जिला कुल्लू में पहाडिय़ों से चट्टानें खिसकने की घटनाएं बरसात के मौसम में बढ़ जाती हैं। पूर्व में भी इस तरह की घटनाओं में लोग जान गंवा चुके हैं।
वर्ष 2006 में चलती बस पर गिरीं थी चट्टानें
मणिकर्ण में कसोल के समीप वर्ष 2006 में पहाड़ी से भीमकाय चट्टानें एक चलती बस पर गिर गई थीं। उस हादसे में 18 यात्रियों की मौत हो गई थी। 2 वर्ष पहले गाडग़ी की पहाड़ी से मणिकर्ण गुरुद्वारे पर भीमकाय चट्टानें गिरी थीं। इस हादसे में भी 7 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी और 11 लोग बुरी तरह जख्मी हो गए थे। हादसे में मारे गए और जख्मी हुए सभी श्रद्धालु पंजाब से आए थे।
सड़कों को चौड़ा करने का चला है कार्य
कुल्लू जिला में कई जगह सड़कों को चौड़ा करने का कार्य चला हुआ है, जिससे पहाड़ी से चट्टानें लुढ़क रही हैं। जिला कुल्लू के कई गांव और कस्बे ऐसे हैं जहां पहाडिय़ों से चट्टानें लुढ़कने का खतरा बना हुआ है। हर साल बरसात के मौसम में इन इलाकों में चट्टानें गिरने से नुक्सान होता रहता है। प्रत्यक्षदर्शियों हेम राम, राजेंद्र ठाकुर, सुरेंद्र और पवन ने बताया कि मलाणा के समीप सड़क के किनारे पार्क एक कार के ऊपर अचानक चट्टानें गिरने से कार दब गई। यदि उस समय कार में कोई बैठा होता तो उसकी जान भी जा सकती थी।