Edited By Punjab Kesari, Updated: 18 Dec, 2017 12:08 AM
कथित जातिसूचक शब्दों के प्रयोग को लेकर अदालती कार्यवाही का सामना कर रहे नयनादेवी के भाजपा प्रत्याशी एवं विधायक रणधीर शर्मा को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है....
बिलासपुर: कथित जातिसूचक शब्दों के प्रयोग को लेकर अदालती कार्यवाही का सामना कर रहे नयनादेवी के भाजपा प्रत्याशी एवं विधायक रणधीर शर्मा को हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ दर्ज एफ.आई.आर. को रद्द करने के आदेश दिए हैं। नयनादेवी मंडल भाजपा ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह कांग्रेस सरकार के लिए करारा जवाब है।
यह था मामला
17 सितम्बर, 2013 को रणधीर शर्मा के साथ ही तत्कालीन ए.एस.पी. के खिलाफ जातिसूचक शब्दों के इस्तेमाल को लेकर बडवाल निवासी ने एफ.आई.आर. दर्ज करवाई थी। इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने इस मामले को बाद में अदालत में चालान पेश किया था। यह मामला जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में चला। इस पर तत्कालीन ए.एस.पी. ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी कि इस केस में उनका नाम बेवजह घसीटा गया है लिहाजा एफ.आई.आर. से उनका नाम काटा जाए जिस पर हाईकोर्ट ने तत्कालीन ए.एस.पी. के हक में फैसला सुनाया था। ए.एस.पी. के बाद रणधीर शर्मा ने भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होंने भी दलील दी थी कि उनके खिलाफ झूठा मामला दर्ज किया गया है।
5 दिसम्बर को एफ.आई.आर. खारिज करने के दिए आदेश
ताजा घटनाक्रम में हाईकोर्ट के न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर की अदालत ने गत 5 दिसम्बर को रणधीर शर्मा के हक में फैसला सुनाते हए उनके खिलाफ दर्ज एफ.आई.आर. खारिज करने के आदेश दिए हैं। नयनादेवी मंडल भाजपा अध्यक्ष कैप्टन चौधरी राम ने कहा कि रणधीर शर्मा के खिलाफ यह झूठा मामला वीरभद्र सरकार के कहने पर दर्ज किया गया था। ऐसा करके उनकी छवि को नुक्सान पहुंचाने का प्रयास किया गया लेकिन हाईकोर्ट के फैसले से कांग्रेस सरकार को मुंह की खानी पड़ी है।