Edited By Punjab Kesari, Updated: 07 Aug, 2017 09:40 PM
रक्षाबंधन के दिन लाड़ली बहन की याद में गुडिय़ा का भाई भी भावुक हो गया और उसके आंसू छलक पड़े। अपने गांव में उसे बहन की याद आनी स्वाभाविक थी।
रक्षाबंधन के दिन लाड़ली बहन की याद में गुडिय़ा का भाई भी भावुक हो गया और उसके आंसू छलक पड़े। अपने गांव में उसे बहन की याद आनी स्वाभाविक थी। भाई ने उन लम्हों को याद किया, जब दोनों हंसते-खेलते स्कूल जाते थे। बेरोकटोक। न कभी दरिंदों का डर सताया, न जंगली जानवरों का। माता-पिता को बेटी से बेहद लगाव था। घटना के कुछ दिन पहले उसके आग्रह पर पिता ने उसे नया बैग खरीदा था, लेकिन उन्हें क्या मालूम था कि बिटिया की यह ख्वाहिश उसकी अंतिम ख्वाहिश में तबदील हो जाएगी।