Edited By Punjab Kesari, Updated: 19 Jul, 2017 05:22 PM
खतरे के बावजूद लोग नदी-नालों के निकट अठखेलियां कर जान जोखिम में डाल रहे हैं।
ऊना (सुरेन्द्र): खतरे के बावजूद लोग नदी-नालों के निकट अठखेलियां कर जान जोखिम में डाल रहे हैं। कोई स्वां नदी के मुहानों पर तो कोई गोबिंदसागर झील में सैल्फियों के चक्कर में खतरा मोल ले रहे हैं। बरसात में देखते ही देखते नदी-नालों का जलस्तर बढ़ जाता है। ऊपरी क्षेत्रों में बारिश के चलते एकाएक बाढ़ आ जाती है। कुछ युवा जानबूझ कर खतरा मोल ले रहे हैं। स्वां नदी सहित खड्डों के किनारे अस्थायी झुग्गियां बनाने वाले भी खतरों से घिरे रहते हैं हालांकि प्रशासन इसके लिए चेतावनी भी जारी करता है। कुछ प्रवासी मछलियां पकडऩे के चक्कर में भी खतरा मोल ले रहे हैं।
प्रकृति से छेड़छाड़ हो सकता है खतरनाक
कई स्थानों पर लोगों द्वारा नदी-नालों पर किया गया अतिक्रमण भी घातक साबित हो सकता है। ऐसे कई स्थल हैं जहां खड्डों व नालों को सीमित कर दिया गया है। अधिक से अधिक जमीन पर अपना स्वामित्व स्थापित करने की होड़ में भूमि मालिक पानी के प्राकृतिक बहाव को रोकने का भी काम करते हैं। जिला ऊना में तो खड्डों की सबसे अधिक संख्या है। यहां 73 खड्डें तो सीधे तौर पर स्वां नदी से मिलती हैं। खड्डों सहित कुछ नालों के प्राकृतिक बहाव से भी छेड़छाड़ की गई है। निश्चित रूप से जमीन का स्वामित्व भू-मालिकों का है लेकिन प्रकृति से छेड़छाड़ खतरनाक साबित हो सकता है। कुछ खड्डों को लोगों ने जमीन पर कब्जा करने की नियत से उन्हें बेहद संकरा कर दिया है।
स्वां से दूर रहें लोग
डी.सी. ऊना विकास लाबरू ने कहा कि बरसाती मौसम को ध्यान में रखते हुए लोग स्वां नदी से दूर रहें ताकि किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना घटित न हो सके। उन्होंने कहा कि बरसाती मौसम के कारण स्वां नदी का जलस्तर अचानक बढ़ सकता है इसलिए लोग नदी में न जाएं तथा दूर रहें। डी.सी. ने जिला के किसी भी क्षेत्र में स्वां नदी सहित अन्य नदी नालों व खड्डों के आसपास रहने वाले लोगों से भी अपील की है कि वे सुुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि स्वां नदी तथा अन्य नदी नालों के करीब जाकर सैल्फी व फोटोग्राफ इत्यादि लेने से भी परहेज करें। प्रशासन द्वारा नदी-नालों के समीप लोगों को विशेष एहतियात बरतने के लिए जगह-जगह चेतावनी बोर्ड भी लगाए गए हैं।