Edited By Updated: 08 Dec, 2016 07:04 PM
प्रदेश में स्थापित एक निजी विश्वविद्यालय के प्रबंधन द्वारा अपने स्टाफ को 500 व 1000 के पुराने नोटों के माध्यम से वेतन देने का मामला सामने आया है।
शिमला: प्रदेश में स्थापित एक निजी विश्वविद्यालय के प्रबंधन द्वारा अपने स्टाफ को 500 व 1000 के पुराने नोटों के माध्यम से वेतन देने का मामला सामने आया है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का आरोप है कि संबंधित निजी विश्वविद्यालय ने अपना काला धन सफेद करने के लिए स्टाफ को कैश में पुराने नोट वेतन के रूप में दे डाले।
विद्यार्थी परिषद के प्रांत संयोजक चेतन गुलेरिया ने आरोप लगाया है कि कई निजी विश्वविद्यालय पहले ही नियमों को ताक पर रखकर कई कार्यों को अमलीजामा पहना रहे हंै और अब नोटबंदी के बाद पुराने नोटों को सैलरी के माध्यम से ठिकाने लगाया जा रहा है। विद्यार्थी परिषद ने पूरे मामले की जांच करते हुए काला धन जब्त करने की मांग की है।