घर न सही कारागार बनाई फूलों की बगिया, लोगों के जीवन में भरेंगे खुशियां

Edited By Punjab Kesari, Updated: 23 Nov, 2017 04:51 PM

prisoners growing flowers  in prison

इनकी जिंदगी अपने घर के बिना कैसी होती होगी। अगर कोई अपने घर से चंद रोज दूर होता है तो उसे अपने घरवालों की याद आती रहती है। अपने गुनाहों की सजा काट रहे कैदियों की जिंदगी किसी अंधेरे से कम नहीं है लेकिन धर्मशाला मुक्त कारागार उनके जीवन में खुशियां...

धर्मशाला(पूजा): इनकी जिंदगी अपने घर के बिना कैसी होती होगी। अगर कोई अपने घर से चंद रोज दूर होता है तो उसे अपने घरवालों की याद आती रहती है। अपने गुनाहों की सजा काट रहे कैदियों की जिंदगी किसी अंधेरे से कम नहीं है लेकिन धर्मशाला मुक्त कारागार उनके जीवन में खुशियां लाने की कोशिश कर रहा है। कैदी जेल के अंदर ही फूल उगा रहे हैं। धर्मशाला शहरवासियों को अपने घरों की सुंदरता को चार चांद लगाने के लिए फूलों के पौधे प्रचेज करने को अधिक पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जिला एवं मुक्त कारागार धर्मशाला के कैदी अनोखी पहल शुरू करने जा रहे हैं। कैदी जेल में ही विभिन्न किस्म के फूलों की खेती करने वाले हैं।

जिला एवं मुक्त कारागार धर्मशाला में पहल के सौजन्य से नर्सरी खोली गई है, जिसमें कैदी कई किस्म के फूलों के पौधे उगाकर बाजार में उतारेंगे। जेल प्रशासन की मानें तो कैदियों द्वारा वर्तमान समय में केवल गेंदे के फूल ही उगाए जा रहे हैं व अन्य फूलों के पौधों का कार्य चला हुआ है। इससे पहले धर्मशाला वासियों को नई किस्म के फूलों के पौधे लाने के लिए 10-12 किलोमीटर पैसे खर्च कर जाना पड़ता है। लेकिन अब धर्मशाला शहरवासियों को उनके घर के समीप ही नई-नई किस्मों के फूलों के पौधे जेल प्रशासन द्वारा मुहैया करवाए जाएंगे, जिसका मूल्य केवल 20 रुपए होगा। 

गाय के गोबर से तैयार किए जाएंगे गमले
जेल प्रशासन की मानें तो जिला एवं मुक्त कारागार धर्मशाला के कैदी अनोखी पहल शुरू करने जा रहे हैं। अपने गुनाहों की सजा काट रहे कैदी गाय के गोबर से बनाए गमलों को जल्द ही बाजार में उतारेंगे। हालांकि इसके लिए जल्द ही जेल में कार्य शुरू कर दिया जाएगा। कैदी लोगों को उनके मनपसंद गाय के गोबर से बनाए गमलों में लगाए फूल मुहैया करवाएंगे। जेल में बंद कैदी बाजार में ग्राहकों को गमलों के साथ फूल भी उपलब्ध करवाएंगे। इससे लोगों का समय भी बचेगा और ज्यादा पैसे भी खर्च नहीं होंगे। 

10 दिनों का दिया प्रशिक्षण
जानकारी के अनुसार उद्यान विभाग धर्मशाला के अधिकारी डा. संजय गुप्ता द्वारा कैदियों को नर्सरी तैयार करवाने का लगभग 10 दिनों का प्रशिक्षण मुहैया करवाया गया था। 10 दिवसीय प्रशिक्षण के दौरान जिला कारागार धर्मशाला के लगभग 18 कैदियों ने भाग लिया था। प्रशिक्षण के दौरान कैदियों को किसी तरह से नर्सरी तैयार की जाती है व खाद्य कौन-कौन सी डाली जाती है, के बारे में पूरा प्रशिक्षण मुहैया करवाया गया है, जिससे कैदी वर्तमान में जेल के अंदर अपनी मेहनत से विभिन्न फूलों की नर्सरी तैयार कर रहे हैं। 

कैदी करेंगे फूलों की खेती
विनोद चम्बियाल, डिप्टी सुपरिटैंडैंट, जिला एवं मुक्त कारागार धर्मशाला ने बताया कि जेल में बंद कैदी अब अपनी मेहनत से विभिन्न प्रकार फूलों की खेती करेंगे और बाजार में लोगों को उनकी पसंद के अनुसार बेचेंगे। जेल में अभी तक कैदियों ने गेंदे के फूल ही पैदा किए हैं। जिनका मूल्य केवल 20 रुपए है। इतना ही नहीं जल्द जेल के कैदी गाय के गोबर से गमले भी तैयार करेंगे, इसके लिए उन्हें 10 दिनों का प्रशिक्षण भी मुहैया करवाया गया है। 

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