जब धूमल के अपने हुए पराए फिर भी जीत का भरोसा

Edited By Punjab Kesari, Updated: 06 Nov, 2017 03:17 PM

prem kumar dhuma

हिमाचल प्रदेश के ठंडे मौसम वाले सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में जहां राजनीतिक तापमान बढ़ रहा है जहां से भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल अपने आत्मीय कांग्रेस के राजेंद्र राणा के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं। सत्ता पर...

सुजानपुर: हिमाचल प्रदेश के ठंडे मौसम वाले सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र में जहां राजनीतिक तापमान बढ़ रहा है जहां से भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार प्रेम कुमार धूमल अपने आत्मीय कांग्रेस के राजेंद्र राणा के खिलाफ चुनाव मैदान में हैं। सत्ता पर काबिज होने के लिए प्रदेश में 7 नवंबर को चुनाव प्रचार समाप्त होने से पहले विपक्षी भारतीय जनता पार्टी जबरदस्त चुनाव अभियान चला रही है। मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की तरह धूमल भी वोट मांगने तथा चुनाव अभियान के लिए पूरे प्रदेश में घूम रहे हैं। यहां सुजानपुर में उनका प्रचार अभियान मुख्य रूप से उनके छोटे बेटे अरुण धूमल ने संभाल रखा है जबकि उनके बड़े सुपुत्र तथा हमीरपुर से भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर भी यहां वोट मांगने के लिए मौजूद हैं। 


इस विधानसभा क्षेत्र में लगभग 64 हजार मतदाता
पार्टी कार्यालय में यहां अनुराग के सहयोगी अनुपम लखनपाल व्यस्त व्यक्ति हैं। वह पार्टी के नेताओं तथा रणनीति बनाने वालों से समन्वय रखते हैं ताकि प्रचार का खाका एवं दिन के प्रचार अभियान की योजनायें तैयार किया जा सके। इस विधानसभा क्षेत्र में लगभग 64 हजार मतदाता हैं। इसमें मौजूदा और अवकाश प्राप्त सैन्यर्किमयों की तादाद 15 से 20 फीसदी है। अन्य लोग छोटे व्यापारी और कृषि कार्य करने वाले हैं। पार्टी समाज के सभी वर्ग के लोगों तक पहुंचने के लिए सभी प्रयास कर रही है। सुजानपुर से हमीरपुर के बीच सड़क के दोनों तरफ देवदार के पेड़ों पर होर्डिंग लगा हुआ है जिस पर लिखा है- ‘‘अबकी बार सुजानपुर से सरकार’’ तथा ‘‘अबकी बार साठ के पार’’। 


धूमल के मुकाबले चुनाव लड़ रहे राजेंद्र राणा भी कोई छोटी बात नहीं
पार्टी के समर्थकों का मानना है कि मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में धूमल के नाम का ऐलान किए जाने से हिमाचल में पार्टी की संभावनाओं को बढ़ा दिया है क्योंकि वह बहुत ताकतवर नेता हैं। उनका यह भी मानना है कि अगर यहां से भाजपा जीत जाती है तो सुजानपुर को निश्चित तौर पर लाभ होगा। कांगेस समर्थकों का मानना है कि धूमल के मुकाबले चुनाव लड़ रहे राजेंद्र राणा भी कोई छोटी बात नहीं है, क्योंकि इसी सीट से राणा ने 2012 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर 14 हजार मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी। बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे। अपनी चुनावी रैलियों में धूमल ने कथित भ्रष्टाचार, कथित रूप से बदतर होती कानून व्यवस्था, भूमि, वन एवं ड्रग माफिया तथा कथित आर्थिक अव्यवस्था के लिए कांग्रेस को निशाना बनाया। 


देवभूमि हिमाचल को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी
धूमल ने वादा किया है कि राज्य में अगर भाजपा जीतती है तो वह ‘‘देवभूमि’’ हिमाचल को नई ऊंचाइयों पर लेकर जाएगी। हिमाचल प्रदेश के 68 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के ‘‘मिशन 60 प्लस’’ को महसूस करने की अपील लोगों से करते हुए धूमल उनसे कहते हैं कि जैसे पहाड़ी की तरफ जाने के लिए रेलगाड़ी में दोहरे इंजन की आवश्यकता होती है वैसे ही राज्य में विकास के लिए दोहरे इंजन (केंद्र की मोदी सरकार तथा राज्य में भाजपा सरकार) की जरूरत है।’’ ‘‘गुड़िया बलात्कार और हत्या की तरफ’’ इशारा करते हए धूमल ने कहा, ‘‘राज्य में महिला सुरक्षा केंद्रित कानून व्यवस्था में सुधार भाजपा की पहली प्राथमिकता में होगी अगर वह सत्ता में आती है।’’

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